2008-12-26 16:25:42

पवित्र भूमि को शांति की आवश्यकता है


येरूसालेम में लातिनी रीति के प्राधिधर्माध्यक्ष महाधर्माध्यक्ष फाऊद तवाल ने कहा है कि पवित्र भूमि को दीर्घकालीन समाधान की जरूरत है जिसमें युद्ध या ऊँची सुरक्षा दीवार न हो और यह समाधान शांति है। बेथलेहेम में येसु के जन्म स्थल पर निर्मित गिरजाघर में 24 दिसम्बर की रात्रि जागरण ख्रीस्तयाग के समय प्रवचन करते हुए महाधर्माध्यक्ष तवाल ने कहा कि लगभग दो हजार वर्ष पहले ईश्वर ने बेथलेहेम को अपना घर और लोगों के साथ मिलने का स्थान बनाया। यही वह स्थान है जहाँ ख्रीस्त ने जन्म लिया, यह हमारे लिए महान आनन्द का कारण है। आज की इस रात्रि में ग्रोटो का मौन तोप और मशीनगन की आवाज से अधिक तेज है। इस ग्रोटो की चुप्पी उन लोगों को जीवन प्रदान करती है जिनकी पुकार आँसूओं में दब गयी है और जिन्होंने मौन में आश्रय पाने की कोशिश की है। महाधर्माध्यक्ष तवाल ने बेथलेहेम को शांति, दिव्य प्रेम और मेल मिलाप का शहर कहते हुए इस तथ्य की पुष्टि की कि शांति प्रत्येक व्यक्ति का अधिकार है। यही सब प्रकार के संघर्ष और भिन्नताओं का समाधान है। उन्होंने कहा कि युद्ध से शांति नहीं उत्पन्न होती, जेल से स्थायित्व की गारंटी नहीं मिलती है और सबसे ऊँची दीवारें सुरक्षा नहीं दिलाती हैं और न ही हमलावर या हमले के शिकार होनेवाले शांति का आनन्द ले पाते हैं। वस्तुतः शांति ईश्वर का वरदान है और केवल ईश्वर ही इस शांति को प्रदान कर सकते हैं।








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