विज्ञान और तकनीकि सृष्टि की सुन्दरता की सराहना में मानव की मदद करे- पोप
वाटिकन सिटी, 22 दिसंबर, 2008। विज्ञान और तकनीकि की उपलब्धियाँ मानव को इस बात के
लिये मदद करे कि वह सृष्टि की सुन्दरता की सराहना कर सके।
संत पापा बेनेदिक्त
सोलहवें ने उक्त बातें उस समय कहीं जब वे युनेसको द्वारा घोषित अंतरराष्ट्रीय ज्योतिष
विज्ञान के वर्ष के आरंभ में होने वाले समारोह में आये प्रतिनिधियों से मुलाकात किया।
अंतरराष्ट्रीय ज्योतिष विज्ञान वर्ष की घोषणा विश्व को उस घटना की याद दिलाएगा
जब चार सौ साल पहले गलीलियो ने दूरबीन का उपयोग किया था। ज्योतिष विज्ञान वर्ष की औपचारिक
शुरुआत 15 जनवरी, 2009 ईस्वी को पेरिस में की जायेगी।
संत पापा ने आगे कहा कि
ज्योतिष विज्ञान के बारे में कई संत पापाओं ने अनेक बातें कहीं और इसकी उपयोगिता के बारे
में लोगों को उपयोगी संदेश दिये हैं।
संत पापा सिल्भेस्तर द्वितीय ज्योतिषविज्ञान
के प्रोफेसर थे, ग्रेगोरी अष्टम् ने विश्व को एक कालेंडर दिया और उन्हें इसका भी अच्छा
ज्ञान था कि किस प्रकार से सौर्य घड़ी बनायी जाती है।
संत पापा ने आगे कहा कि
स्तोत्र रचयिताओं ने ईश्वर सृष्टि की महिमा गायी है वैज्ञानिकों ने मानव को प्रकृति
के बारे में विभिन्न जानकारी देकर यह बताने का प्रयास किया है कि ईश्वर की कृति कितनी
सुन्दर है।
आज हमें चाहिये कि हम विज्ञान की सहायता से सृष्टि पर मनन चिन्तन
करें और इसकी सुन्दर रचना के लिये उन्हें अपना आभार प्रकट करें।