संत पापा ने वाटिकन हेतु ग्यारह देशों के नवनियुक्त राजदूतों का प्रत्यय पत्र स्वीकारा
संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने वाटिकन के लिए नवनियुक्त मलावी, स्वीडेन, सियरा लियोन,
आइसलैंड, लक्सेमबर्ग, मडागास्कर, बेलिजे, टयूनिशिया, कजाकस्तान, बहरीन और फिजी द्वीप
के राजदूतों का प्रत्यय पत्र गुरूवार को स्वीकार किया। इस अवसर पर दिये गये सामूहिक संदेश
में उन्होंने इन देशों के नेताओं, प्रशासनिक और धार्मिक नेताओं, जनता और काथलिक विश्वासियों
को अपनी शुभकामनाएँ दीं जो सुसमाचारीय संदेश के आलोक में भ्रातृत्व भाव में सबके साथ
सहयोग करना चाहते हैं। राजदूत की भूमिका मिशन और कार्य पर अपने विचार व्यक्त करते हुए
उन्होंने कहा कि राजदूत का कार्य शांति का प्रसार करना है। राजदूत शांति निर्माता बनें।
शांति का अर्थ केवल राज्य की नीतियाँ लागू करना या सैन्य संघर्ष का अभाव नहीं लेकिन सब
लोगों के मध्य सौहार्द की परिस्थितियाँ हैं। यथार्थ शांति तब ही संभव है जब न्याय हो।
दुनिया शांति और न्याय की प्यासी है। अंततः संत पापा ने कहा कि राजदूत का कार्य़ अपनी
क्षमता और कला का उपयोग देश के हितार्थ करते हुए अंतरराष्ट्रीय संबंध में समता और सहदयता
के भाव में न्याय के लिए कार्य करना है ताकि सब नागरिक ईश्वर के साथ संबंध के बारे में
अपनी मान्यताओं को मानते हुए शांतिपूर्वक जीवन यापन कर सकें।