विश्व शांति दिवस हेतु संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें के संदेश की प्रकाशना
काथलिक कलीसिया द्वारा पहली जनवरी 2009 को मनाये जानेवाले विश्व शांति दिवस हेतु संत
पापा बेनेडिक्ट 16 वें के संदेश की प्रकाशना गुरूवार 11 दिसम्बर को की गयी। शांति निर्माण
के लिए निर्धनता से संघर्ष शीर्षक से जारी संदेश में संत पापा ने भूमंडलीकरण की जटिलताओं
पर गहन विचार करने का आह्वान किया है। उन्होंने निर्धनता के विभिन्न पहलूओं पर चिंतन
करते हुए भ्रातृत्व और जिम्मेदारी के सिद्धान्तों के आधार पर निर्धनों के प्रति सद्व्यवहार
करने का सबसे आग्रह किया है। उन्होंने वैश्विक वित्तीय संकट को सार्वजनिक हित की कीमत
पर अल्पकालीन लाभ प्राप्त करने की प्रवृत्ति का परिणाम बताया है। संदेश में कहा गया है
कि धनी और निर्धनों के बीच दूरी इतनी बढ़ गयी है कि आर्थिक रूप से सम्पन्न देशों में
भी इसे महसूस किया जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय वित्तीय स्थिति दीर्घकालीन निवेश और विकास
को मदद करे लेकिन का समय के लिए किया गया निवेश प्रत्येक व्यक्ति के लिए यहाँ तक कि उनलोगों
के लिए भी खतरनाक हो जाता है जो बाजार के अच्छे प्रदर्शन से लाभ उठाते हैं। संदेश में
मलेरिया, टी बी और एडस महामारी के प्रति चिंता व्यक्त करते हुए सबलोगों के लिए बेहतर
स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने और चिकित्सा नैतिकता अपनाने का आह्वान किया गया है। निर्धनता
के खिलाफ संघर्ष में बच्चों को गरीबी से बचाने संबंधी कार्यक्रमों पर तथा विकास और निरस्त्रीकरण
के मध्य संबंध पर विशेष ध्यान देने का आग्रह किया गया है। विकास संबंधी योजनाओं के संसाधनों
का विचलन कर व्यापक स्तर पर सैन्य खर्चों को पूरा किया जाता है। इससे शस्त्रों की होड़
को तथा स्थिरता और शांति के बदले में अस्थिरता, तनाव और संघर्ष को बढ़ावा मिलता है। वर्तमान
खाद्य संकट के बारे में कहा गया है कि यह संकट खाद्य पदार्थों का कमी के कारण नहीं अपितु
उत्पादन और वितरण की जटिल प्रक्रियाओं के कारण है। तकनीकि विकास का लाभ समृद्ध वर्ग को
मिल रहा है जबकि जनसंख्या का अधिकांश भाग और निर्धन देश दोहरे पार्श्वीकरण का सामना कर
रहे हैं। संत पापा ने निर्धनता के विरूद्ध धनी-निर्धन सब राष्ट्रों से वैश्विक सहदयता
का प्रदर्शन करने का आह्वान किया है अर्थात् भूमंडलीकरण का ऐसा स्वरूप हो जो सम्पूर्ण
मानव परिवार के कल्याण की ओर उन्मुख हो।