चेतावनी के बाद भारतीय हवाईअड्डों पर कड़ी सुरक्षा जबकि दिल्ली हवाई अड्डे पर गोलियों
की आवाज़ के बाद अफ़रातफ़री
दिल्ली के इंदिरा गाँधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर शुक्रवार प्रातः गोलियों की आवाज़
के बाद अफ़रातफ़री मच गई किन्तु सुरक्षा बलों की तुरन्त कार्रवाई ने स्थिति को नियंत्रण
में कर लिया। ख़बरों के मुताबिक हवाई अड्डे के गेट नंबर-4 पर गोलियों की आवाज़ सुनी
गई है और कुछ समय के लिए लोगों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई। चश्मदीद गवाहों के अनुसार
गोलियों की आवाज़ की खबर मिलते ही सुरक्षा सैनिकों ने यात्रियों से ज़मीन पर लेट जाने
को कहा था। ग़ौरतलब है कि संभावित हवाई हमलों की सूचनाओं के बाद गुरुवार को भारत
के सभी हवाई अड्डों पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी। भारत के वायुसेना के प्रमुख
फाली होमी मेजर ने कहा था कि सरकार को सूचना मिली है कि चरमपंथी भारत पर हवाई हमलों की
योजनाएँ बना रहे हैं। इसी के मद्देनज़र सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी। बुधवार को
रक्षामंत्री ए.के. एंटनी ने भी एक बैठक में सेना के तीनों प्रमुखों को बताया था कि ऐसी
सूचना है कि भारत में चरमपंथी अमरीका में हुए 9/11 की तरह हवाई हमले कर सकते हैं। यह
भी सम्भावना व्यक्त की गई थी कि छः दिसम्बर को बाबरी मस्जिद के ध्वस्त किये जाने की बरसी
पर चरमपंथी भारत में हमला करने के लिए प्रवेश कर सकते हैं। रक्षामंत्री ए.के. एंटनी द्वारा
इस सूचना के बाद दिल्ली, मुम्बई, बंगलौर और चेन्नई हवाई अड्डों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई
है। इस बीच, भारतीय समाचार पत्रों के अनुसार, मुम्बई हमलों में पाकिस्तान की खुफ़िया
एजेन्सी आई.एस.आई. का हाथ होने के सबूत मिल रहे हैं। सबसे पहला नाम लश्कर-ए-तायबा दल
का लिया जा रहा है, विश्लेषकों के अनुसार, जिसके आई.एस.आई. के साथ घनिष्ट सम्बन्ध हैं।
भारत सरकार पाकिस्तान से मांग करती रही है कि वह सभी आतंकवादी दलों के अड्डों को
नष्ट करे तथा भारत पर आक्रमण करनेवाले आतंकवादियों को उसके हवाले करे। पाकिस्तान के राष्ट्रपति
आसिफ़ अली ज़रदारी ने सहयोग का वादा किया है।