2008-12-05 10:43:38

ऑस्लोः गुच्छेदार बमों की सुलह को वाटिकन का अनुमोदन एवं अनुसमर्थन


गुच्छेदार बमों के शिकार व्यक्तियों के प्रति एकात्मता का प्रदर्शन करते हुए वाटिकन ने गुच्छेदार बमों के प्रयोग एवं उनके भन्डार पर निषेध लगानेवाली अन्तरराष्ट्रीय सुलह पर, इसके पहले दिन ही, हस्ताक्षर कर, इसे अनुसमर्थन दे दिया है।
वाटिकन राज्य के विदेश सचिव महाधर्माध्यक्ष दोमनिक मामबेरती ऑस्लो में आयोजित दो दिवसीय हस्ताक्षर समारोह में उपस्थित हुए। सुलह का मूलपाठ विगत मई माह में आयरलैण्ड में तैयार किया गया था। 30 देशों का अनुसमर्थन मिलने के बाद यह सुलह प्रभावी हो जायेगी। 93 देशों ने इस पर हस्ताक्षर कर दिये हैं।
महाधर्माध्यक्ष मामबेरती ने ज़ेनित समाचार से कहा कि एक शक्तिशाली राजनैतिक संकेत पहुँचाने के उद्देश्य से परमधर्मपीठ ने इस सुलह को, हस्ताक्षर के दिन ही, अनुसमर्थन दे दिया। उन्होंने कहा कि सबसे पहले हम गुच्छेदार बमों के शिकार व्यक्तियों के प्रति परमधर्मपीठ तथा उसकी सभी संस्थाओं की ओर से एकात्मता का प्रदर्शन करना चाहते हैं। साथ ही, महाधर्माध्यक्ष ने कहा, वे उन देशों से सुलह पर हस्ताक्षर का निवेदन करते हैं जो गुच्छेदार बमों का उत्पादन, भन्डारण, व्यापार तथा प्रयोग करते हैं।
ग़ौरतलब है कि गुच्छेदार बम एक विशाल डिब्बे में बन्द छोटे विस्फोटक पदार्थ होते हैं। ये वायु मण्डल में फूटते हैं तथा विशाल भू क्षेत्रों पर सैकड़ों लघु बमों के रूप में गिरते हैं। प्रायः इनका विस्फोट नहीं होता और ये भूमि पर सुरंगों का रूप ले लेते हैं तथा जानलेवा बन जाते हैं। संयुक्त राष्ट्र संघीय विकास कार्यक्रम के अनुसार गुच्छेदार बमों से अब तक 13,000 लोगों की मृत्यु की पुष्टि हो चुकी है। इनसे मरनेवालों की सर्वाधिक संख्या लाओस, वियतनाम, अफ़गानिस्तान, ईराक और लेबनान के लोगों की है। इन जानलेवा अस्त्रों का सर्वाधिक निर्माण करनेवाले देश जैसे अमरीका, इसरायल, चीन, रूस, भारत और पाकिस्तान ने अब तक इस पर हस्ताक्षर नहीं किये हैं।









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