2008-12-03 13:25:05

बुधवारीय - आमदर्शन समारोह के अवसर पर
संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें का 3 दिसम्बर को दिया गया संदेश


बुधवारीय आमदर्शन समारोह में संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने पौल षष्टम् सभागार में एकत्रित हजारों तीर्थयात्रियों को विभिन्न भाषाओं में सम्बोधित किया। उन्होंने अंग्रेजी भाषा में कहा -

प्रिय भाइयो एवं बहनों, आज की धर्मशिक्षा में हम संत पौल के जीवन पर विचार करना जारी रखें। आज संत पौल हमें आदम जो पहले व्यक्ति थे और प्रभु येसु जो दूसरे आदम हैं के संबंध के बारे में बताते हैं।

संत पौल कहते हैं आदम के पाप के कारण मनुष्य को अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा पर येसु मसीह ने उन सब पापों से मानव को मुक्त कर दिया है।

संत पौल का मानना है कि आदम ने ईश्वर की आज्ञा का उलंघन किया जिसके कारण मानव में आदि पाप का दाग लग गया है और मानव को इस दुनिया में अनेक बुराइयों का सामना करना पड़ा।

जब हम प्रभु में विश्वास करते हैं है तब हमें ईश्वरीय शांति प्राप्त होती है। येसु मसीह जो नये आदम है ने ईश्वर की आज्ञा का पालन करते हुए पूरी मानव जाति को पाप और मृत्यु से बचाया है।

बपतिस्मा के द्वारा हम येसु की मृत्यु और पुनरुत्थान में सहभागी होते है और इसी बपतिस्मा संस्कार के द्वारा हम ईश्वर के दत्तक पुत्र बन जाते हैं।

इसके द्वारा जो हम नया जीवन पाते हैं यह हमें प्रेरित करता है कि हम इस बात का साक्ष्य दें कि ईसा मसीह में ही पूरी मानव जाति की मुक्ति है और उसी के द्वारा ईश्वरीय महिमा के सहभागी हो सकते हैँ।

इतना कहकर संत पापा ने अपना संदेश समाप्त किया।

उन्होंने इंगलैंड, मोल्टा, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के तीर्थयात्रियों और उनके परिवार के सदस्यों पर प्रभु की कृपा और शांति की कामना की और सबको अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।











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