बैंगलौरः गिरजाघरों में विस्फोटों के लिये आतंकवादियों को प्राणदण्ड
बैंगलोर की एक खास अदालत ने, सन् 2000 में आन्द्रप्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक एवं गोवा
के गिरजाघरों में बम विस्फोट करने के लिये, 11 व्यक्तियों को प्राणदण्ड एवं 12 को उम्र
कैद़ की सज़ा सुनाई है।
दीनदार छानबासावेश्वरा अन्जुमन इस्लामी दल के लोगों
को गिरजाघरों में बम विस्फोट का दोषी पाया गया तथा न्यायमूर्ति एस.एम. शिवानगुदार द्वारा
सज़ा सुनाई गई। इस दल के उक्त लोगों ने आन्द्रप्रदेश में छः, कर्नाटक में चार तथा गोवा
एवं महाराष्ट्र में एक एक विस्फोट किये थे।
आरोपियों ने अदालत में बताया कि
उनसे कहा गया था कि बम विस्फोट करने से हिन्दुओं एवं ख्रीस्तीयों के बीच दंगे भड़क उठेंगे
तथा स्थिति का लाभ उठाकर अफ़गानिस्तान का एक धार्मिक नेता सम्पूर्ण देश पर आक्रमण कर
उसे एक इस्लामी देश में बदल देगा।
दीनदार छानबासावेश्वरा अन्जुमन एक चरमपंथी
मुसलमान संगठन है जिसकी स्थापना सन 1920 ई. में हज़रत मौलाना सिद्दीक द्वारा की गई थी।
अक्तूबर सन् 1999 में हज़रत के निधन की बरसी हैदराबाद में मनाई गई थी। रिपेर्टों के
मुताबिक, इसी अवसर पर बम विस्फोटों का षड़यंत्र रचा गया था। बताया जाता है कि पाकिस्तान
में रहनेवाले सिद्दीक के बेटे ज़िया उल हुसैन एवं उसके चार बेटे भी निधन की बरसी के लिये
हैदराबाद आये थे।