आतंकवादी हमला मानवीय एवं धार्मिक दोनों तरह से चिंता का विषय
वाटिकन सिटी, 30 नवम्बर, 2008। मुम्बई में हुए आतंकवादी हमला मानवीय एवं धार्मिक दोनों
तरह से चिंता का विषय बन गया है। जब धर्म में हिंसा को स्थान मिल जाता है तब तो यह
मानव के लिये और ही भयानक है।
उक्त बातें वाटिकन के प्रवक्ता जेस्विट फादर फेदिरिको
लोम्बार्डी ने उस समय कहीं जब वे वाटिकन टेलेविजन के ' ऑक्तावा दियेस ' नामक साप्ताहिक
कार्यक्रम में 26 नवम्बर को मु्म्बई में हुए आतंकवादी हमले पर टिप्पणी कर रहे थे। इस
हमले ने न्यूयोर्क, मैडरिड और लन्दन के आतंकवादी हमले की याद ताजा कर दी।
उन्होंने
कहा इस हमले ने न केवल भारत को पर पूरे दक्षिण एशिया को झकझोर कर रख दिया है। उन्होंने
आगे कहा करीब इस हमले में करीब 200 लोगों की जानें गयीं हैं और इससे जन जीवन पर गहरा
असर पड़ा है। इससे धर्म पर जो आस्था रखते हैं उनके विश्वास पर भी आघात पहुँचा है।
फादर
लोम्बार्डी ने कहा कि इस प्रकार की हिंसक गतिविधियों के पीछे धार्मिक अतिवादिता को ही
कारण माना जाना चाहिये। भारत में कुछ वर्ष पहले मुसलिम विरोधी लहर थी पर जब मुसलिमों
ने इसका करारा ज़वाब देना आरंभ किया तब अब अतिवादी हिन्दुओं ने ईसाई विरोधी लहर चला रखी
है ।
इससे इस क्षेत्र में दहशत का वातावरण बन गया है। उन्होंने कहा कि धार्मिक
अतिवादिता मानवता के लिये बहुत ही बड़ा ख़तरा है और हर व्यक्ति की आत्मा को चुनौति देता
है।
संत पापा के प्रवक्ता ने जोन पौल द्वितीय की याद करते हुए कहा कि संत पापा
कहा करते थे कि भगवान के नाम पर हथियार उठाना गलत है।
हमें चाहिये कि हम शांति
के लिये कार्य करें। शांति के कार्य करना अर्थात मानव की भलाई के लिये कार्य करना और
तब ही हम सही तरीके ईश्वर की सेवा कर सकते हैं।