संयुक्त राष्ट्र संघ की एक रिपोर्ट के अनुसार विकसित देशों में भी महिला हिंसा की शिकार
संयुक्त राष्ट्र महिला विकास कोष (यूनीफ़ेम) द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार विकसित
देशों में भी महिलाओं को विकासशील एवं निर्धन देशों की तरह ही घरेलु हिंसा का शिकार बनाया
जाता है। महिलाओं के विरुद्ध हिंसा को रोकने हेतु घोषित अंतरराष्ट्रीय दिवस के उपलक्ष्य
में जारी रिपोर्ट में बताया गया कि जापान में घरेलू हिंसा अपेक्षाकृत कम है किन्तु वहाँ
पाँच में से एक महिला ही हिंसा के विरुद्ध शिकायत दर्ज़ कराती है। केनिया, बांग्लादेश,
पेरू और तंज़ानिया के विषय में कहा गया कि इन देशों में पचास प्रतिशत महिलाएं शारीरिक
हिंसा का शिकार बनाई जाती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा प्रकाशित आँकड़ों के
अनुसार विकसित देशों में भी महिलाओं की स्थिति बेहद ख़राब है, उदाहरणार्थ ब्रिटेन में
30 प्रतिशत महिलाएं अपने पति या पूर्व-पति की हिंसा का शिकार बनती हैं। इस बात की ओर
भी ध्यान आकर्षित कराया गया कि कई बार महिलाएं घरेलु हिंसा को सामान्य मानकर इनकी रिपोर्ट
नहीं करती हैं। इसी के मद्देनज़र स्पेन में सामाजिक समानता मंत्री बिबियाना आइडो ने महिलाओं
से आग्रह किया है कि वे घरेलू हिंसा के मामलों की शिकायत दर्ज़ करने का साहस जुटायें।
मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून द्वारा जारी एक सन्देश में कहा गया
कि अनेक राष्ट्र महिलाओं की सुरक्षा का दावा करते हैं किन्तु वे भी घरेलू हिंसा को रोकने
में असमर्थ सिद्ध हुए हैं। इस दिशा में कड़ी नीतियाँ बनाये जाने का उन्होंने आव्हान किया।
संयुक्त राष्ट्र संघ की रिपोर्ट के अनुसार इथियोपिया के ग्रामीण इलाक़ों की स्थिति
बदत्तर बताई गई जहाँ 71 प्रतिशत विवाहित महिलाओं को उनके पति उत्पीड़ित करते हैं। विवाहित
महिलाओं को पीटा जाता, जलाया जाता तथा बलपूर्वक उनके साथ शारीरिक संबंध बनाए जाते हैं।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि घरेलु हिंसा के मामले निर्धनता एवं बेरोज़गारी से जुड़े
होते हैं।