वाटिकन सिटीः यथार्थ सौन्दर्य सत्य से जुड़ा होता है, सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें
सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें का कहना है कि सत्य एवं भलाई रहित सौन्दर्य की खोज युवाओं
को उन कृत्रिम आनन्दधामों के प्रति आकर्षित कर सकती है जो आन्तरिक खालीपन से भरे होते
हैं। संस्कृति सम्बन्धी परमधर्मपीठीय समिति के तत्वाधान में इस समय रोम में सौन्दर्य
एवं नीति शास्त्र पर एक विचार गोष्ठी जारी है। विचार गोष्ठी में भाग ले रहे प्रतिभागियों
को प्रेषित सन्देश में सन्त पापा ने उक्त बात कही। सन्त पापा ने कहा कि वर्त्तमान
युग में सौन्दर्य की खोज तथा सत्य एवं भलाई की खोज के बीच नाटकीय अलगाव देखा जा रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रायः सौन्दर्य को केवल उसके बाहरी रूप तक ही सीमित कर दिया जाता है
तथा सत्य एवं भलाई से जुड़े उसके आन्तरिक अर्थ की अवहेलना कर दी जाती है। इस नकारात्मक
प्रवृत्ति की पृष्ठभूमि में सन्त पापा ने इस तथ्य की पुष्टि की कि ख्रीस्तीय धर्मानुयायी,
भले एवं सुन्दर कार्यों द्वारा, केवल विश्वास के सत्य को ही नहीं बल्कि विश्वास के सौन्दर्य
को भी प्रकाशित करने के लिये बुलाये गये हैं क्योंकि सत्य, सुन्दर एवं भलाई के एकमात्र
स्रोत प्रभु ईश्वर हैं तथा उन्हीं में ये पूर्णता तक पहुँच सकते हैं।