2008-11-25 12:48:44

वाटिकन सिटीः वित्तीय संकट के कारण धनी देशों द्वारा विकासशील देशों की सहायता में कटौती की आशंका से वाटिकन चिन्तित


वाटिकन ने सोमवार को एक दस्तावेज़ प्रकाशित कर यह आशंका व्यक्त की है कि विश्वव्यापी वित्तीय संकट के चलते धनी देश विकासशील देशों की दी जानेवाली सहायता में कटौती कर सकते हैं।

परमधर्मपीठीय न्याय एवं शांति सम्बन्धी समिति द्वारा उक्त दस्तावेज़ तैयार किया गया है जिसे वाटिकन राज्य के सच्चिवालय से भी अनुमोदन मिला है। दस्तावेज़ में विश्वव्यापी वित्तीय संकट के कारणों एवं परिणामों को गिनाया गया है जिनपर, संयुक्त राष्ट्र संघ के तत्वाधान में, इस शनिवार से दो दिसम्बर तक, दोहा में, आयोजित बैठक में चर्चा की जायेगी।

परमधर्मपीठीय दस्तावेज़ में इस बात की आशंका व्यक्त की गई है कि विश्वव्यापी वित्तीय संकट की गहराई विकास के लिये आर्थिक मदद के मुद्दे को गौण न बना दे। दस्तावेज़ में कहा गया कि दोहा बैठक से दो सप्ताहों पूर्व अमरीका में जी-20 देशों का सम्मेलन सम्पन्न हुआ है जिसमें विश्व के 20 महादेशों ने भाग लिया था। इस सम्मेलन में जिन देशों ने भाग नहीं लिया था उन्हें भय है कि दोहा बैठक के राजनैतिक स्तर पर प्रभावहीन न हो जाये।

तथापि वाटिकन के दस्तावेज़ में आशा व्यक्त की गई है कि जी-20 सम्मेलन के देश अन्य देशों की चिन्ताओं की अवहेलना नहीं करेंगे।

वर्तमान वित्तीय संकट के सन्दर्भ में दस्तावेज़ में कहा गया कि वैश्विक आर्थिक निकाय पर पुनर्विचार का यह उपयुक्त अवसर हो सकता है। इस बात की पुष्टि की गई कि जो अनिवार्य है वह सदैव महत्वपूर्ण नहीं होता इसलिये कठिन परिस्थिति में प्राथमिकताओं का पुनरावलोकन अधिक आवश्यक है।

दस्तावेज़ में चेतावनी भी दी गई कि वित्तिय संकट को दूर करने के लिये लघु अवधि वाले परिणामों को नहीं ढूँढ़ा जाये अपितु मानव के अखण्ड विकास हेतु यथार्थ एवं दूरगामी अर्थव्यवस्था के पक्ष में काम किया जाये।










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