2008-11-24 14:13:20

जीवन में मनन-चिन्तन उतना ही मह्त्वपूर्ण है जितना कि जीवन के लिये साँस


इंटरनेट और मोबाईल फोन के युग में प्रार्थना के लिये समय निकाल पाना एक कठिन काम हो सकता है। उक्त बातें संत पापा के प्रवक्ता जेस्विट फादर फेदिरिको लोम्बार्डी ने उस समय कहीं जब वे वाटिकन टेलेविज़न के साप्ताहिक कार्यक्रम ‘ऑक्तावा दियेस’ में बोल रहे थे।

उन्होंने लोगों को बताया कि हमें चाहिये कि हम अपने आध्यात्मिक जीवन को सींचे और उसे मजबूत करें और उन ताकतों से बचायें जो इसे कमजोर कर सकती हैं ।

जेस्विट फादर ने कहा कि जीवन में मनन-चिन्तन और प्रार्थना उतना ही मह्त्वपूर्ण है जितना कि जीवन के लिये साँस लेना। हमें चाहिये कि हम कुछ क्षण निकालें जब हम शांत रह कर ईश्वर से बातें करेँ।

फादर लोम्बार्डी ने उक्त बातें उस समय कही जब वे उन शुक्रवार को प्रो ऑरानतिबुस के अवसर पर उन धर्मसमाजियों को ये बातें बता रहे थे जो अपने जीवन को मठवासी जीवन के लिये समर्पित करते हैं।

उन्होंने इस बात को फिर से दुहराया कि आधुनिक युग में प्रार्थना के लिये समय निकाल पाना कठिन हैं पर इससे प्रार्थना की महत्ता कम नहीं होती है।

प्रार्थना के महत्व के बारे में आगे बोलते हुए उन्होंने कहा कि हमारा आध्यात्मिक जीवन हमारे शारीरिक जीवन से ज़्यादा महत्वपूर्ण है।

अगर हमारा आध्यात्मिक जीवन कमजोर हो जाता है तो हम इसका प्रभाव हमारे शरीर और आत्मा दोनों पर पड़ता है।

फादर लोम्बार्डी ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति के लिये यह आवश्यक है कि वह अपना समय़ खोजे जब वह ईश्वर से बात कर सकता हो। अगर व्यक्ति प्रार्थना करना छोड़ देता है तो यह मानवता के लिये बहुत बड़ी खतरा है। यह उसके लिये सबसे दुर्भाग्य की बात होगी।










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