2008-11-21 12:46:34

न्यू यॉर्कः अस्त्रों की भरमार एवं प्राथमिक आवश्यकताओं की कमी पर वाटिकन चिन्तित


वाटिकन ने उस विश्व परिस्थिति पर चिन्ता जताई है जिसमें अस्त्र बड़ी आसानी से प्राप्त किये जा सकते हैं किन्तु भोजन, आवास एवं शिक्षा दुर्लभ है।

न्यू यॉर्क में अन्तरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा के रख रखाव पर संयुक्त राष्ट्र संघीय सुरक्षा परिषद की बैठक में सदस्य राष्ट्रों को सम्बोधित करते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ में परमधर्मपीठ के स्थायी पर्यवेक्षक महाधर्माध्यक्ष चेलेस्तीनो मिलियोरे ने यह चिन्ता जताई।

महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि विश्वव्यापी स्तर पर जारी अस्त्रों के अवैध व्यापार के गम्भीर परिणाम अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से मांग करते हैं कि वह अस्त्र नियंत्रण के ढाँचों को मज़बूत करने के लिये अपने संकल्प को दुगुना करे।

उन्होंने कहा कि अस्त्रों को कम करने तथा उसके उपयोग हेतु कड़े नियम लागू करने का प्रश्न विश्वव्यापी सुरक्षा से जुड़ा है। उन्होंने इस बात की ओर ध्यान आकर्षित कराया कि हाल में अफ्रीका के एक प्रतिनिधि से सुना गया कि प्रति वर्ष सात अवैध गोलियाँ एवं तीन बन्दूक प्रत्येक अफ्रीकी को अपना निशाना बनाती है। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में जब विश्व में निधर्नता की रेखा के नीचे इतने अधिक लोग जीवन यापन करते हैं अस्त्रों की यह अति अस्वीकार्य है।

महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि युद्ध ग्रस्त देशों की दयनीय स्थिति इस बात का प्रमाण है कि शस्त्रों का अवैध व्यापार, उनका संचयन एवं उनका अवैध उत्पादन झगड़ों का शांतिपूर्ण समाधान पाने में बहुत बड़ी बाधा है। इसके अतिरिक्त यह तनावों को सशस्त्र संघर्षों में बदल देता जो लम्बे समय तक जारी रहते तथा सम्बन्धित देश में विकास और शांति को अवरुद्ध करते हैं।

इस बात की ओर उन्होंने ध्यान आकर्षित कराते हुए कि विश्व में प्रतिवर्ष 1.3 करोड़ खरब अमरीकी डॉलर शस्त्रों के उत्पादन में खर्च किये जाते हैं महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि यदि इस राशि का एक छोटा सा भाग भी लोगों की सामाजिक, आर्थिक एवं आध्यात्मिक ज़रूरतों को पूरा करने में लगाया जाये तो विश्व को एक सुरक्षित स्थल बनाया जा सकेगा तथा एक दूसरे के प्रति एवं जीवन के प्रति सम्मान को प्रोत्साहित किया जा सकेगा।








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