धर्माध्यक्ष ने बाली मंदिर परिसर में प्रेम और सद्भावना का प्रतीक ओलिभ का पौधा
रोपा
नयी दिल्ली, 16 नवम्बर, 2008। इंगलैंड की कलीसिया के अध्यक्ष धर्माध्यक्ष रोवन विलियम्स
ने कहा है कि भारत सरकार उड़ीसा में हिंसा को पूर्णतः रोके।
उन्होंने उक्त बातें
उस समय कहीं जब वे ब्रिटेन में अवस्थित हिन्दुओं के सबसे मंदिर का दर्शन करने वाले थे।
उन्होंने भारत की कलीसिया के धार्मिक नेताओं को लिखे अपने पत्र में कहा है कि
अगर भारत ईसाइयों के साथ सौतेला व्यवहार करता है तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी वो धर्मनिर्पेक्षता
की छवि खो देगा।
उन्होंने यह भी कहा कि गलत तरीके से किसी के धर्म पर वापसी करना
भी गलत तरीके से धर्म परिवर्त्तन कराने के जैसा ही जघन्य कुकृत्य है।
धर्माध्यक्ष
ने उक्त पत्र सीएआई और सीएसआई की कलीसिया के नेताओं को लिखा है। उन्होंने इस बात के लिये
खेद भी व्यक्त किया है कि उड़ीसा की ईसाई विरोधी हिंसा में मारे गये अधिकतर लोग गरीब
हैं.
धर्माध्यक्ष ने कहा कि वे चाहते हैं कि भारत में ईसाइयों को उचित सम्मान
दिया जाये और उन्हें सुरक्षा दी जाये और शांति व्यवस्था का ऐसा वातावरण वनाया जाये कि
अल्पसंख्यक समुदाय सुरक्षित महसूस कर सके।
ज्ञात हो कि धर्माध्यक्ष ने बिरमिंघम
में अवस्थित हिंदुओं के सबसे बड़े बालाजी मंदिर देखऩे गये थे।
उन्होंने कहा कि
राजनीति से प्रेरित इस प्रकार के ईसाई विरोधी हिंसा को तुरन्त रोका जाना चाहिये। उन्होंने
यह भी कहा कि वे भारत की तारीफ भी करते हैं कि इसे दुनिया का सबसे बड़ा प्रजातंत्र होने
का गौरव भी प्राप्त है। भारत देश का दायित्व है कि यहाँ के सब निवासी शांति और सुरक्षा
के साथ अपना जीवन बिता सकें। धर्माध्यक्ष विलियम ने इस अवसर पर प्रेम और सद्भावना के
प्रतीक के रूप में एक ओलिभ के पौधे का रोपन भी किया।