इराक के मोसुल शहर में दो ईसाई महिलाओं की घर में हत्या
इराक के मोसुल शहर में दो ईसाई महिलाओं की उनके घर में हत्या कर दी गयी। हाल में हुई
ईसाई विरोधी हिंसा के कारण 15 से अधिक लोग मारे गये हैं तथा लगभग 15 हजार लोग अपने घरों
से पलायन करने के लिए विवश हुए हैं। काथलिक समाचार सेवा को एक सूत्र ने बताया कि लामिया
साबिह सलोहा और उनकी बहन वाला की उनके घर में ही आतंकवादियों ने हत्या कर दी और उनकी
माँ को चाकू मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया। एशिया समाचार सेवा ने बताया कि आपराधिक
समूह का समर्थन प्राप्त 16 से 18 वर्षीय युवकों के समूह ने यह हमला किया। एक पुलिस अधिकारी
ने बताया कि जब पुलिस घटनास्थल पर पहुँची तो बम विस्फोट हुआ। मोसुल शहर छोड़ चुके एड
टू द चर्च इन नीड संगठन के आकस्मिक राहत सहायता कार्यक्रम के पर्यवेक्षक फादर बासर वादा
ने कहा कि इन दो बहनों की हत्या से विश्वासियों पर गहरा असर हुआ है। उन्हें भय है कि
हिंसा का एक नया दौर आरम्भ हो जाएगा। इराकी ख्रीस्तीय नेताओं ने कहा कि हमला यह दिखाता
है कि कलीसियाई समुदायों के लिए शांति और सुरक्षा लाने के अपने संकल्प में सरकार कमजोर
पड़ रही है। दे पश्चिमी देशों से कहते हैं कि न केवल ईसाईयों बल्कि इराक के सब अल्पसंख्यकों
की रक्षा के लिए हस्तक्षेप करें। एक स्थानीय काथलिक नेती ने कहा कि ईराकी सरकार विश्व
को बताना चाहती है कि वह सही कदम उठा रही है और ईसाई समुदाय सुरक्षित है जबकि वास्तव
में परिस्थिति अब भी बहुत चुनौतीपुर्ण है।