वाटिकन सिटीः बेनेडिक्ट 16 वें ने टूटे काँच वाली रात की याद की
रोम के सन्त पेत्रुस महामन्दिर के प्राँगण में रविवार को एकत्र हज़ारों तीर्थयात्रियों
के समक्ष सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने, क्रिस्टलनाख्ट के नाम से कुख्यात टूटे काँच
वाली रात की 70 वीं बरसी पर, नाज़ी नरसंहार के शिकार यहूदियों की याद की।
उल्लेखनीय
है कि सन् 1938 में नौ एवं दस नवम्बर की रात्रि को हिटलर के नाज़ी शासन ने जर्मनी में
यहूदियों की दूकानों, आवासों, यहूदी मन्दिरों एवं कार्यालयों को निशाना बनाया था तथा
यहीं से यहूदियों के विरुद्ध यूरोप के विभिन्न भागों में यहूदियों का उत्पीड़न आरम्भ
हो गया था।
सन्त पापा ने नाज़ी हिंसक कार्यवाही पर गहन शोक व्यक्त करते हुए कहा
कि जर्मनी में यहूदियों को नाज़ियों के घोर अत्याचारों का सामना करना पडा। उस रात उनकी
दूकानें, कार्यालय, आवास, प्रार्थनालय तथा सभागृहों पर हमला किया गया जिसमें अनेक हत्या
के शिकार हुए तथा इसी घटना के बाद से जर्मनी में नाज़ियों द्वारा यहूदियों का क्रमबद्ध
ढंग से हिंसक उत्पीड़न आरम्भ हो गया जो नज़रबन्दी शिविरों में मौत के साथ खत्म हुआ।
सन्त
पापा ने कहा कि आज भी वे उस काल में घटी त्रासदिक परिस्थितियों के लिये दुःखी हैं। उन्होंने
कहा कि इस काल की स्मृतियों से शिक्षा ग्रहण की जानी चाहिये ताकि जो अन्याय एवं अत्याचार
उस समय हुए वे फिर कभी न हों। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि वे धर्म, जाति और नस्ल के
आधार भेदभावों की समाप्ति करें, सामीवाद विरोधी भावनाओं को अपने बीच से दूर करें तथा
बच्चों एवं युवाओं को अन्यों के प्रति सम्मान का पाठ सिखायें।
सभी को सन्त पापा
ने आमंत्रित किया कि वे नाज़ी काल में अत्याचार एवं हत्या के शिकार लोगों के लिये प्रार्थना
करें तथा सम्पूर्ण यहूदी जगत के प्रति एकात्मता दर्शाने हेतु उनसे संयुक्त होवें।