युवाओं को चाहिये कि राष्ट्र के निर्मांण में अपना योगदान दें- पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे
कलाम आज़ाद
पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे कलाम आज़ाद ने कहा कि युवाओं को चाहिये कि राष्ट्र के निर्मांण
में अपना योगदान दें।
पूर्व राष्ट्रपति भारत की प्रथम महिला संत अल्फोंसा के
सम्मान में पालै में आयोजित नौ दिवसीय धन्यवादी समारोह के समापन दिवस पर बोल रहे थे।
श्री आज़ाद ने संत अल्फोंसा के आदर में कविता की रचना की थी।
उन्होंने करीब एक
लाख लोगों के समक्ष संत अल्फोंसा के सम्मान में कविता पाठ किया और कहा कि संत अल्फोंसा
ने भगवान के लिये बहुत ही उँचा स्वप्न देखा था और इसलिये भगवान उस उँचाई तक पहुँचने की
ताकत और कृपा उन्हें दी।
ज्ञात हो कि 12 अक्तूबर को संत पापा ने रोम के संत पेत्रुस
महागिरजाघर के प्रांगण में आयोजित एक भव्य समारोह में अल्फोंसा को संत घोषित किया था।
ईश्वर
को इसी महान् वरदान के लिये धन्यवाद देने के लिये पालै धर्मप्रांत ने नौ दिवसीय धन्यवादी
समारोह का आयोजन किया था।
इसी अवसर पर बोलते हुए कार्डिनल सान्दरी ने कहा कि अहिंसा
ही वह हथियार है जिससे हम हिंसा पर विजय प्राप्त कर सकते हैं।
इस धन्यवादी समारोह
में 90 धर्माध्यक्ष और हजारों पुरोहितों और सिस्टरों ने भाग लिया।
यूखरिस्तीय
समारोह भरनानगनम के संत मेरी महागिरजाघर में सम्पन्न हुए। इसी गिरजाघर के समीप संत अल्फोंसा
को दफनाया गया है जिसकी मृत्यु अनेक दुःखों को सहते हुए सन् 1946 ईस्वी में हो गयी थी।
उस समय क्लारिस्ट धर्मसमाज की अल्फोंसा की आयू 36 साल थी।