2008-11-10 13:57:53

काथलिक-यहूदी वार्ता प्रक्रिया में युवाओं को शामिल किया जाये- फादर होफमन


(9 नवम्बर, 2008) काथलिक-यहूदी वार्तो को सही दिशा देने और मजबूत करने के लिये आवश्यक है कि इस प्रक्रिया में युवाओं को शामिल किया जाये।

उक्त बातें ख्रीस्तीय एकता के लिये बनी परमधर्मपीठीय समिति के यहूदियों के साथ धार्मिक संबंध के लिये बने आयोग के सचिव फादर होफमन ने उस समय कहीं जब वे जेनित समाचार को एक साक्षात्कार दे रहे थे।

यहूदियों और ईसाइयों के संबंधों को मजबूत करने के संबंध में य हंगरी के बुडापेस्ट में एक सभा का आयोजन किया गया है जो 9 से 12 नवम्बर तक चलेगा।

इस उच्च स्तरीय सभा इस बात पर विचार-विमर्श किया जायेगा कि ईसाइयों और यहूदियों का इस संबंध में क्या दृष्टि कोण होना चाहिये। इसके पहले इस प्रकार की बैठक सन् 1990 में पराग्वे में आयोजित की गयी थी।

फादर होफमन आशा व्यक्त की है कि अगली बैठक में मुसलमानों को भी शामिल किया जायेगा। उन्होंने कहा कि इन तीनों धर्मों में कई समानताएँ हैं और उनके श्रोत भी एक ही हैं अतः उन्हें साथ लेकर चलने से आपसी एकता मजबूत होगी और लोगों के कल्याण के लिये ये तीनों धर्म एक साथ कार्य कर पायेंगे।

उन्होंने बताया कि परमेश्वर के दस नियम आधार पर कई अच्छी पहल हो सकती है जिससे मानव का कल्याण हो पायेगा।

फादर होफमन इस बात पर बल दिया कि हमें चाहिये कि हम इस प्रकार की आपसी वार्ता में युवाओं को शामिल करें तब सभाओं के द्वारा बनाया गया आपसी एकता सुदृढ़ हो पायेगा।

उन्होंने यह भी कहा कि जिस तरह कार्डिनल वाल्टर कासपर ने कहा है कि ईशवचन ईश्वर के द्वारा लोगों के लिये दिया गया है। यहूदी और ईसाई दोनों के लिये महत्वपू्र्ण है अतः इसे आधार बनाकर हम वार्ता को मजबूती प्रदान कर सकते हैं।









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