खुलेमन से वार्तालाप करने से ही विश्व की समस्याओं का सौहार्दपूर्ण समाधान - पोप
संत पापा ने वाटिकन में 8 नवम्बर 2008 को चीन गणराज्य के लिये नियुक्त राजदूत वैंगचीन
यूयूयान का स्वागत किया और चीन के राष्ट्रपति यिंग जिवो मा के द्वारा प्रेषित पत्र को
ग्रहण किया।
संत पापा ने कहा कि वे चीन के राष्ट्रपति का अभिवादन स्वीकार करते
हैं और तैवान के लोगों के लिये विशेष प्रार्थना का आश्वासन देते हैं। वे राष्ट्रपति को
अपनी शुभकामनायें देते है कि वे प्रथम काथलिक राष्ट्रपति के रूप में अपना दायित्व भली
भाँति निभायें।
संत पापा ने आगे कहा कि वे तइपेई के लोगों से बहुत प्रसन्न हैं
क्योंकि वहाँ के लोग शांति प्रयास में लगे हुए हैं और साथ ही मानव के विकास के लिये ईमानदारी
से कार्य कर रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा जौभि कि चीन में काथलिकों की संख्या
बहुत कम है फिर भी वे एक न्यायपूर्ण समाज के निर्माण में अपना योगदान दे रहे हैं। काथलिक
कलीसिया की यह विशेषता रही है कि वे सदा ही मानव के कल्याण के लिये कार्य करते रहते हैं
विशेषकरके शिक्षा स्वास्थ्य और विकास के क्षेत्र में।
राजदूत से बातें करते हुए
संत पापा ने चीन सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि सरकार ने धार्मिक स्वतंत्रता को बहुत
मह्त्व दिया है जिससे कलीसिया के मानव कल्याण और विकास के कार्य को आगे बढ़ाने में बहुत
मदद मिली है।
संत पापा ने कहा कि खुलेमन से वार्तालाप करने से ही विश्व की समस्याओं
का सौहार्दपूर्ण समाधान हो सकता है। संत पापा ने इस चीन की इस पहल की सराहना की कि उन्होंने
तइवान के साथ अपने संबंध सुधारने के सका।