शरणार्थी और यायावर निर्धनों में सबसे निर्धन और परित्यक्त लोगों में से एक
थाईलैंड के बैंकाक में आयोजित तीन दिवसीय सम्मेलन को 6 नवम्बर को सम्बोधित करते हुए शरणार्थियों
और यायावरों की प्ररिताई संबंधी परमधर्मपीठीय समिति के सचिव महाधर्माध्यक्ष अगोस्तीनो
मारकेतो ने कहा कि शरणार्थी और यायावर लोग निर्धनों में सबसे निर्धन और परित्यक्त लोगों
में से एक हैं। तृतीय सहस्राब्दि के ऊषाकाल में एशिया के शरणार्थियों और प्रवासियों की
बेहतर मेषपालीय सेवा शीर्षक से आयोजित सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि
निर्धनों के इस समूह के प्रति कलीसिया का प्रेम सुसमाचार की शिक्षा तथा कलीसिया की सामाजिक
शिक्षा का मूल है। उन्होंने कहा कि चार सिद्धांत हैं इनमें प्रथम है मानव प्राणी की मर्यादा
का सिद्धांत। यह अन्य सिद्धांतों और कलीसिया की सामाजिक शिक्षा की आधारशिला है। अन्य
सिद्धांत हैं- सार्वजनिक हित, एकात्मता और सहदयता। उन्होंने इस तथ्य पर प्रकाश डाला कि
अतिथि सत्कार और जरूरतमंदों की सेवा पुराने व्यवस्थान में और फिर येसु के का्र्यों में
गहन रूप से जुड़ी हैं।