भारतः सरकारी सूत्रों के अनुसार उड़ीसा में कम से कम 500 ख्रीस्तीय मारे गये
उड़ीसा में स्थानीय सरकार के एक प्रतिनिधि का अनुमान है कि अगस्त माह से उड़ीसा में आरम्भ
ख्रीस्तीय विरोधी हिंसा में कम से कम 500 ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों की हत्या की गई। प्रतिनिधि
ने बताया कि उन्होंने खुद 200 शवों के दहन की अनुमति दी थी।
अनाम रहने की शर्त
पर उक्त प्रतिनिधि ने भारतीय साम्यवादी पार्टी (सी.पी.एल.- एम.एल) द्वारा उड़ीसा के
कँधामाल ज़िले में तथ्यान्वेषण के लिये भेजे गये एक दल को उक्त आँकड़े दिये। उड़ीसा राज्य
सरकार द्वारा आधिकारिक रूप से प्रकाशित आँकड़ों के अनुसार केवल 31 व्यक्ति हत्या का शिकार
हुए हैं।
तथ्यान्वेषण दल ने अपनी रिपोर्ट लिबरेशन पत्रिका के नवम्बर अंक में
प्रकाशित की जिसमें सरकार के दावों एवं वास्तविक परिस्थिति में गहन अन्तर है। सरकार का
दावा है कि हिंसा के परिणामस्वरूप 12,641 व्यक्तियों ने अपने घरों का परित्याग कर दिया
था जो अब सरकारी शरणार्थी शिविरों में जीवन यापन कर रहें हैं तथा जिन्हें भोजन, जल, चिकित्सा
और शिक्षा आदि सभी सुविधाएँ मुहैया कराई जा रही हैं।
(सी.पी.एल.- एम.एल) तथ्यान्वेषण
दल ने फूलबनी, टीकाबली, जे.उदयगिरी तथा रायका स्थित शिविरों का दौरा किया और पाया कि
खाद्य सामग्री अपर्याप्त है, चिकित्सा का कोई व्यवस्था नहीं है तथा गर्भवती महिलाओं को
किसी प्रकार की चिकित्सीय सहायता नहीं दी जा रही है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि ख्रीस्तीय
धर्मानुयायी आतंकित हैं तथा उनके जीवन पर ख़तरा बना हुआ है।
इसके अतिरिक्त हिन्दु
चरमपंथी सशस्त्र दलों में परिणत हो रहे हैं तथा हिन्दु धर्म न अपनाने वालों को डरा धमका
रहे हैं।
(सी.पी.एल.- एम.एल) तथ्यान्वेषण दल ने यह भी कहा है कि ख्रीस्तीय विरोधी
हिंसा का षड़यंत्र बहुत समय पहले से रचा गया था। दल के अनुसार यह कुयोजना विश्व हिन्दु
परिषद तथा बजरंग दल हिन्दु चरमपंथी दलों द्वारा बनाई गई थी।