2008-11-05 13:31:09

बुधवारीय - आमदर्शन समारोह के अवसर पर
5 नवम्बर, 2008 को दिया गया
संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें का संदेश


बुधवारीय आमदर्शन समारोह में संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में एकत्रित हजारों तीर्थयात्रियों को विभिन्न भाषाओं में सम्बोधित किया। उन्होंने अंग्रेजी भाषा में कहा-

प्रिय भाइयो एवं बहनों, आज की धर्मशिक्षा में हम पुनः संत पौल के जीवन पर विचार करें।

संत पौल के प्रवचन में येसु मसीह के पुनरुत्थान को सर्वोंच्च स्थान दिया है। संत पौल बार बार कहा करते थे येसु मसीह मृतकों में से जी उठे हैं।

संत पौल ने इस सत्य को येसु के शिष्यों से ग्रहण किया था और वे चाहते हैं कि इस सत्य को सब कोई जानें। प्रेरित संत पौल सिर्फ इस बात को नहीं बताना चाहते हैं कि येसु जी उठे हैं पर वे इस बात पर बल देते हैं कि येसु ने अपने जी उठने के द्वारा पूरी मानव जाति को बचाया है।

येसु ने अपने जी उठने के द्वारा हमें ईश्वर के योग्य बनाया है। संत पौल हमें यह भी बताते हैं कि पुनरुत्थान के द्वारा येसु ने अपने वास्तविक रूप को प्रकट किया है। प्रभु येसु जीवितों औऱ मृतकों के सर्वशक्तिमान ईश्वर के पुत्र हैं।

वे यह भी बताते हैं कि येसु हमें आमंत्रित करते हैं कि हम येसु के पास्का रहस्य को ठीक से समझें। संत पौल के अनुसार आज जो दुःख हम उठा रहें हैं उसका अर्थ है कि हम प्रभु येसु के दुःख में शामिल हो रहें हैं।

जिस प्रकार से प्रभु ने अपने दुःखभोग के द्वारा महिमा को प्राप्त किया हम भी उसी के समान एक दिन सब संतो के साथ महिमा मे जी उठेंगे।

फिर प्रेरित संत पौल हम सबों को आमंत्रित करते हुए कहते हैं कि आइये हम सब एक साथ सब अन्य प्रेरितों और संतो के साथ मिलकर पूरे उत्साह औऱ आशा के साथ प्रयास करें कि हम पुनर्जीवित येसु की शक्ति को जान सकें और उसकी इच्छा के अनुसार कार्य कर सकें।

इतना कहकर संत पापा ने अपना संदेश समाप्त किया।

उन्होंने फिलीपींस, इंगलैंड, स्वीडेन, साईप्रस, डेनमार्क, फिनलैंड और अमेरिका के तीर्थयात्रियों पर प्रभु की कृपा और शांति की कामना की और उपस्थित लोगों और उनके परिवारों को खुशी और शाति का अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।















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