मनीलाः "आप्रवासियों को उनके परिवारों की नितान्त आवश्यकता है", कहना वाटिकन के वरिष्ठ
धर्माधिकारी का
फिलीपिन्स की राजधानी मनीला में आप्रवास पर आयोजित विश्वव्यापी मंच में बोलते हुए आप्रवासियों
एवं पर्यटकों की प्रेरिताई हेतु गठित परमधर्मपीठीय परिषद के महासचिव महाधर्माध्यक्ष
आगोस्तीनो मार्केतो ने इस तथ्य पर बल दिया कि आप्रवासी तब ही मेज़बान देश के विकास में
यथार्थ सहयोग कर सकते हैं जब उनकी स्थिति मानवीय हो। उन्होंने कहा कि मानवीय स्थिति की
शर्त है कि उन्हें अपने परिवारों के साथ मिलकर रहने की सुविधा प्रदान की जाये।
महाधर्माध्यक्ष
ने कहा कि प्रत्येक आप्रवासी के मूलभूत मानवाधिकारों की रक्षा की जानी चाहिये तथा हर
प्रकार के भेदभाव से सावधान रहते हुए विशेष रूप से दुर्बल आप्रवासी जैसे महिलाओं, विकलांगों,
वृद्धों एवं बच्चों की सुरक्षा का प्रयास किया जाना चाहिये।
महाधर्माध्यक्ष ने
कहा कि अस्थायी आप्रवास को आप्रवासियों से सम्मान छीनने का बहाना कभी नहीं बनाया जाना
चाहिये बल्कि जितने भी समय के लिये आप्रवासी मेज़बान देश में रहता है उसके मानवाधिकारों
का सम्मान किया जाना चाहिये। इस दिशा में परिवारों के मिलन को प्रोत्साहन देना, आप्रवासियों
को उनकी कमाई अपने देश भेजने की सुविधा प्रदान करना तथा आप्रवासियों द्वारा देश के विकास
में दिये गये योगदान को मान्यता देना मेज़बान देशों की समाकलन एवं सहयोग नीतियों का अंग
होना चाहिये। उन्होंने कहा कि इन नीतियों के बिना आप्रवासियों का समाकलन असम्भव है।