2008-11-01 12:09:31

सब सन्तों के महापर्व पर सन्त पापा बेनेडिक्ट का चिन्तन


रोम में, शनिवार, पहली नवम्बर को सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने सन्त पेत्रुस महामन्दिर के प्राँगण में एकत्र तीर्थयात्रियों को साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ कर उन्हें अपना सन्देश दिया। पहली नवम्बर को काथलिक कलीसिया सब सन्तों का महापर्व मनाती है।

इस अवसर पर सन्त पापा ने कहा कि सन्त घोषित सभी व्यक्ति विभिन्न देशों, संस्कृतियों, परम्पराओं एवं विभिन्न भाषाओं को बोलनेवाले थे, उनके जीवन कार्य भिन्न भिन्न थे तथापि पवित्रता तथा ईश्वर के प्रति प्रेम में वे एक थे। उन्होंने प्रभु ख्रीस्त के क्रूसमरण का मर्म समझा तथा अपने जीवन में आनन्दपूर्वक क्रूस का वरण किया। अपने त्यागमय जीवन द्वारा वे येसु ख्रीस्त के पुनःरुत्थान में भागीदार तथा कलीसिया में वेदी का सम्मान पाने के योग्य बने।

सन्त पापा ने कहा कि सब सन्तों को समर्पित दिवस हम सब को स्मरण दिलाता है कि इस धरती पर हमारा जीवन स्वर्ग की ओर बढ़ती तीर्थयात्रा है ताकि एक दिन हम भी, ईशकृपा द्वारा, सन्तों की सहभागिता में जा मिले। उन्होंने आशा व्यक्त की कि ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों की यह आकाँक्षा उन्हें जीवन की हर कठिनाई को पार करने का साहस प्रदान करे, उनमें व्याप्त भय को हर ले तथा हर परीक्षा की घड़ी में उन्हें सम्बल प्रदान करे।

इस आशा की अभिव्यक्ति के साथ ही सन्त पापा ने सभी मृत विश्वासियों के लिये भी, मरियम से मध्यस्थता की, याचना की जिनका स्मृति दिवस कलीसिया दो नवम्बर को मनाती है। यह सन्देश देने के उपरान्त सन्त पापा ने उपस्थित भक्तों के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ कर सबको अपना प्रेरितिक आशीर्वाद प्रदान किया।








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