भारत के उड़ीसा राज्य में हिन्दू चरमपंथी हिंसा का शिकार होने के बाद अस्पताल में स्वास्थ्यलाभ
कर रहे पुरोहित फादर बर्नड दिगल का 28 अक्तूबर को चेन्नै के संत थोमस अस्पताल में निधन
हो गया। कटक भुवनेश्वर के महाधर्माध्यक्ष रफायल चिन्नाथ ने उनकी मृत्यु पर गहन शोक प्रकट
करते हुए काथलिक समाचार सेवा को बताया कि 46 वर्षीय फादर बर्नड लोगों की सेवा में समर्पित
पुरोहित थे। कंधमाल जिले के पुरोहित फादर बर्नड को 25 अगस्त को हिन्दू चरमपंथियों ने
मारपीट कर जंगल में अधमरा छोड़ दिया था। घायल पुरोहित को उनके वाहन चालक ने पाया और फिर
वे स्थानीय सरकारी अस्पताल में भर्ती किये गये। बाद में वे मुम्बई स्थित होली स्पिरिट
अस्पताल ले जाये गये तथा 25 अक्तूबर को उन्हें चेन्नै स्थित संत थोमस अस्पताल ले जाया
गया। 28 अक्तूबर को उनका निधन हो गया। महाधर्माध्यक्ष चिन्नाथ ने कहा कि फादर बर्नड की
अंत्येष्टि कंधमाल में की जाएगी। हिन्दूत्ववादी चरमपंथियों की मारपीट के कारण फादर बर्नड
को शहादत का ताज मिला। वे अब अपने स्वर्गीय निवास से लोगों के लिए कार्य करना जारी रखेंगे।
कंधमाल के ख्रीस्तीयों के लिए अब स्वर्ग में एक शक्तिशाली मध्यस्थ हैं।