2008-10-27 13:46:58

कलीसिया की प्राथमिकता है - ईशवचन से कलीसियाई जीवन को मजबूत करना और सुसमाचार का प्रचार करना।


संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने कहा है कि कलीसिया की प्राथमिकता है ईशवचन से कलीसियाई जीवन को मजबूत करना और सुसमाचार का प्रचार करना।

संत पापा ने उक्त बाते उस समय कहीं जब वे धर्माध्यक्षों की महासभा के समापने समारोह के अवसर पर यूखरिस्तीय समारोह मे लोगों को प्रवचन दे रहे थे।

उन्होंने विश्वास दिलाया है कि सिनोद की के प्रस्तावों को सब काथलिक परिवारों में पहुँचाया जायेगा।इसके लिये सबों को चाहिये कि वे प्रभु के वचन को अच्छी तरह से समझें और तब लोगों को बताये तब ही इसे लोग विश्वास करेंगे।

संत पापा ने इस बात पर भी बल दिया कि जब आज के युग में इस बात की आवश्कता है कि हमें प्रभु के वचन को सुनें और इसमें निहित सच्चाई को दुनिया के समक्ष साक्ष्य दें।

संत पापा ने इस बात पर भी बल दिया कि सब ईसाइयों को बाईबल पढ़ने और इसे जानने की आवश्यकता है ताकि बाईबल की सच्चाई को वे जान सकें और उस प्रेम का दुनिया को दे सकें जिसे प्रभु येसु ने दुनिया को दिया।

संत पापा ने लोगों इस बात की चुनौति भी दी और कहा कि जो सोचते हैं कि वे बाईबल को समझते हैं पर इसके लिये प्रयासरत नहीं है कि वे अपने पड़ोसी को प्यार दिखायें तो यही माना जा सकता है कि वे बाईबल के संदेश को नहीं समझते हैं।

संत पापा ने इस बात पर बल दिया कि इस बात का भी प्रयास हो कि आम लोकधर्मी भी बाईबल को जानें और इसके बारे में दूसरों को बताने का प्रयास करें।










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