हिंसा के मार्ग का त्याग करें और प्रेम और अहिंसा के पथ पर चलें- पोप
संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने कहा है कि लोग हिंसा के मार्ग का त्याग करें और प्रेम
और अहिंसा के पथ पर चलें और एक नये समाज के निर्माण में अपना योगदान दें। संत पापा ने
उक्त बातें उस समय कहीं जब वे संत घोषणा समारोह के अवसर पर संत पेत्रुस महागिरजाघर के
प्रांगण में आयोजित समारोह में लाखों लोगों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने
कहाकि संत अल्फोंसा को जिस गुण के कारण ईश्वर ने उन्हें संत होने का पुरस्कार दिया वो
है उसकी सहनशीलता और उसकी धैर्यता। उन्होंने आगे कहा कि संत अल्फोंसा ने हमें सिखाया
है कि विपित्ति के समय में हम अकेले नहीं होते हैं। ईश्वर हमें अपनी शक्ति प्रदान करता
है ताकि हम अपने क्रूस को साहसपूर्वक ढो सकें।
संत पापा ने कहा कि संत अल्फोंसा
ने अपने दुःखों को साहसपूर्वक ग्रहण कर दूसरों को धैर्यपूर्वक दुःख उठाने की प्रेरणा
दी है। भारतवासियों को प्रार्थना का आश्वासन देते हुए संत पापा ने कहा कि जब भारत
की कलीसिया विभिन्न प्रकार विपत्तियों का सामना कर रही है ऐसे समय में ईश्वर भारतवासियों
को कृपा दे कि वे हिंसा और घृणा से बचें और प्रेम औऱ शांति का प्रचार करें।