संत अल्फोंसा का भारतवासियों के साथ विश्व के लोगों का जोरदार स्वागत
केरल की क्लारिस्ट धर्मबहन अल्फोंसा को 12 अक्तूबर को एक भव्य समारोह में संत पापा
बेनेदिक्त सोलहवें के द्वारा संत घोषित करने का भारतवासियों के साथ विश्व के लोगों ने
जोरदार स्वागत किया है।
केरल के कोटायम जिले के भरनगनम गाँव में जन्मी अल्फोंसा
को संत पापा ने तीन अन्य धन्यों के साथ संत घोषित कर दिया है। संत अल्फोंसा के संत बन
जाने से भारतीय ख्रीस्तीयों को भारत मूल की पहली महिला संत मिल गया है।
भारतीय
काथलिक समाचार सेवा के अनुसार जिस समय संत पापा ने संत अल्फोंसा को संत घोषित किया उस
समय रोम में अवस्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर की घंटियाँ बज उठी और केरल में भी सभी गिरजाघरों
के घंटे बज उठे और लोगों ने खुशियों इज़हार किया।
संत पेत्रुस महागिरजाघर के
प्रांगण में होने वाले समारोह में करीब एक लाख लोगों ने भाग लिया जिसमें सिर्फ केरल
के 5 हज़ार लोग शामिल थे।
केरल के स्थानीय समाचार के अनुसार संत अल्फोंसा के स्थानीय
पल्ली में जहाँ अल्फोंसा का कब्र है, हज़ारों की संख्या में ईसाइयों के अलावा हिन्दु-मुस्लिम
और अन्य संप्रदाय के लोगों ने मिलकर प्रार्थनायें की और भगवान को संत अल्फोंसा के पवित्र
जीवन के लिये धन्यवाद दिया।
36 साल की आयू मे अनेक दुःखों को प्रभु के लिये झेलते
हुए संत अल्फोंसा ने अपना जीवन सन् 1946 में येसु को समर्पित कर दिया था। संत अल्फोंसा
के साथ तीन अन्य धन्यों को भी पोप ने संत बनाया उसमें स्विटजरलैंड की मारिया वेर्नार्दा
बटलर, इक्वाडोर के नारसिया दे जेसुस मोरान और इटली के फादर गायेतानो एरिक्को शामिल है।