2008-10-11 11:11:13

धन्य अल्फोंसा भारत की प्रथम महिला संत


संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें 12 अक्तुबर रविवार को संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में आयोजित एक भव्य समारोह में केरल में जन्मी धन्य अल्फोंसा को विश्व के तीन अन्य धन्यों के साथ संत घोषत कर देंगे।

इस तरह से एक ओर भारत के ईसाइयों पर हो रहे धर्मसतावट के मध्य भारतीय ईसाइयों को ईश्वर की सहायता पाने के लिये संत अल्फोंसा के रूप में एक नया मध्यस्थ मिल जायेगा।

भारत की भूमि में 19 अगस्त सन् 1910 में जन्मी और बढ़ी पली अन्ना मुत्ताथुपडाथु देश की पहली धर्मसमाजी होंगी जिन्हें संत होने का ईसाई धर्म का सर्वोच्च सम्मान प्रदान किया जायेगा। इम्माकुलेट कोनसेप्शन धर्मसमाज की सिस्टर अल्फोंसा ने आरंभ में रलिजियस ऑफ द पूवर क्लेर धर्मसमाज की सदस्यता ग्रहण की थी।

संत अल्फोंसा की माता का देहांत उस समय हो गया था जब वह बहुत छोटी थी और उसका भरण-पोषण उनकी चाची ने किया। बचपन से ही उसके दिल में येसु के लिये अपार प्यार था।

उन्होंने 18 साल की आयू में रेलिजियस ऑफ द पूवर क्लेर धर्मसमाज में प्रवेश किया और सन् 1936 में उन्होंने अपने को पूर्ण रूप से ईश्वर को समर्पित किया। अपने खराब स्वास्थ्य के कारण उसे कई बार समाज से वापस भेज देने की स्थिति भी आयी पर वह अपनी बुलाहट में अडिग रहीं। दस साल बाद सन् 1945 में उसकी मृत्यु हो गयी।

संत अल्फोंसा के साथ जिन तीन अन्य धन्यों को संत बनाया जायेगा वे हैं स्वीटजरलैंड के मिशनरी फ्रांसिस्कन सिस्टर्स ऑफ मेरी की संस्थापिका धन्य मरिया बेरनार्दा बटलर, इक्वाडोर की धन्य नारचिसा दे जेसुस मारतिल्लो मोरान और इटली के धन्य गायेतानो एरिको जिन्होंने मिशनरिस ऑफ सेक्रेड हार्ट ऑफ जीज़स एण्ड मेरी नामक धर्मसमाज की स्थापना भी की।










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