2008-10-11 11:22:33

अन्तरख्रीस्तीय सभा में उड़ीसा के पीड़ित और प्रताड़ित ईसाइयों को सुरक्षा देने और राहत पहुँचाने का निर्णय


विभिन्न ईसाई समुदायों के 75 नेताओं ने मिलकर 7 अक्तूबर को आयोजित अन्तरख्रीस्तीय सभा में उड़ीसा के पीड़ित और प्रताड़ित ईसाइयों को सुरक्षा देने और राहत पहुँचाने का निर्णय किया है।
इस आशय की जानकारी देते हुए नैशनल कौंसिल ऑफ चर्चेस इन इंडिया के अध्यक्ष धर्माध्यक्ष तारानाथ सागर ने यूकान समाचार को बताया कि ईसाइयों ने मिल कर निर्णय लिया है कि वे न केवल ईसाइयों को सुरक्षा देने पर देश की धर्मनिरपेक्ष छवि की रक्षा मिलकर करेंगे।
धर्माध्यक्ष सागर ने कहा कि उन्होंने निर्णय लिया है कि वे ईसाई विरोधी आक्रमणों से पी़ड़ित और विस्थापित हुए करीब 20 हज़ार लोगों की मदद के लिये विशेष कार्य योजना पर कार्य कर रहे हैं। इस राहत शिविर का मुख्यालय भुवनेश्वर को बनाया जा रहा है।
फादर मातामाना ने यूकान को बताया कि राहत शिविर में रह रहे 6 हज़ार परिवारों कारितास ने दो-दो हज़ार रुपये दिये गये। फादर ने बताया कि जो व्यक्ति अपने अपने गाँवों मे वापस जाना चाहते हैं उन्हें एक पैकेट भी प्रदान किया जायेगा ताकि वे अपना जीवन फिर से आरंभ कर सकें। पैकेट या किट में खाने-पीने की सामग्री और रसोईघर में व्यवहार किये जाने वाली वस्तुएँ प्रदान की जायेगी।
धर्माध्यक्ष सागर ने बताया कि एक कार्य योजना पर विचार विमर्श किया गया जिसके तहत् सीबीसीआई एनसीसीआई और एभनजेलिकल फेलोशिप ऑफ इंडिया के सदस्य मिलकर राहत और सुरक्षा के लिये कार्य करेंगे।
ज्ञात हो कि 24 अगस्त से ईसाइयों पर हो रहे हमलों और आगजनी की घटनाओं में करीब 61 लोगों ने अपनी जानें गवाँयी हैं 4500 घरो को जला दिया गया है 100 घर और 20 कोन्वेंट को ढह दिया गया है। और करीब 50 हजा़र लोग जंगलों या राहत शिविरों में रहने को मजबूर हो गये हैं।
नेताओं ने यह भी निर्णय लिया कि वे लोगों के बीच एक जागरुकता अभियान भी चलाएँगे जिसमें अन्य समाज सेवी संस्थाओं की मदद से लोगों को उनके अधिकारों और दायित्वों के बारें में जानकारी दी जायेगी।








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