संत पापा पियुष बारहवें के निधन की 50 वीं पुण्यतिथि
संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने संत पेत्रुस महामंदिर में गुरूवार 9 अक्तूबर को संत पापा
पियुष बारहवें के निधन की 50 वीं पुण्यतिथि पर ख्रीस्तयाग अर्पित किया जिनका निधन 9 अक्तूबर
1958 को हो गया था। प्रवचन करते हुए उन्होंने संत पापा पियुष बारहवें के जीवन और द्वितीय
विश्व युद्ध के सबसे कठिन समय में उनके द्वारा अर्पित सेवा और मेषपालीय नेतृत्व का स्मरण
किया। द्वितीय विश्व युद्ध को टालने के लिए 24 अगस्त 1939 को प्रसारित रेडियो संदेश में
संत पापा पियुष बारहवें ने विश्व के नेताओं से अपील करते हुए कहा था कि खतरा निकट है
लेकिन अब भी समय है। हर कीमत पर युद्ध से परहेज किया जाना चाहिए। संत पापा पियुष बारहवें
को शांति पुरूष कहते हुए संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने कहा कि इतिहास के सबसे त्रासदीपूर्ण
काल में बुराई का सामना करने के लिए जो सर्वोत्तम था उसे अति उत्तम रूप में पूरा करने
का उन्होंने प्रयास किया। नात्सी और फासीवादी प्रशासन द्वारा यहूदियों पर अत्याचार के
समय उन्होंने लोगों की जीवन रक्षा और सहायता के लिए गुप्त और अप्रत्यक्ष तरीके से सहायता
की। इस बिषम काल में एक बार अपनी प्राणरक्षा के बारे में पूछे गये सवाल के जवाब में उन्होंने
कहा था कि यदि उन्हें मरना भी पड़े तो वे रोम से प्रस्थान नहीं करेंगे। संत पापा बेनेडिक्ट
16 वें ने लोगों से प्रार्थना करने का आग्रह किया ताकि प्रभु सेवक संत पापा पियुष बारहवें
को धन्य घोषित करना शीघ्र संभव हो सके।