बुधवारीय - आमदर्शन समारोह के अवसर पर संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें का संदेश
बुधवारीय आमदर्शन समारोह में संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने संत पेत्रुस महागिरजाघर के
प्रांगण में एकत्रित हजारों तीर्थयात्रियों को विभिन्न भाषाओं में सम्बोधित किया। उन्होंने
अंग्रेजी भाषा में कहा-
प्रिय भाइयो एवं बहनों, आज की धर्मशिक्षा में हम
पुनः संत पौल के जीवन पर विचार करें। संत पौल का येसु के साथ एक विशेष संबंध था। प्रेरित
संत पौल कहा करते थे कि हम येसु को भले मन से जानते हैं परन्तु येसु मसीह हमारी उस जानकारी
से भिन्न हैं।
यहाँ पर संत पौल हमें यह बताना चाहते हैं कि येसु के सिर्फ मानव
रूप को जानना येसु मसीह की सही जानकारी नहीं है। अगर हम संत पौल के जीवन पर गौर करेंगे
तो हम पायेंगे कि संत पौल को येसु के संबंध में सही जानकारी तब हुई जब वे येसु के बारे
में लोगों को बताने लगे।
संत पौल के बारे में यह भी सत्य है कि शुरु में वे येसु
के चेलों को सताया करते थे और जब दमस्कुस के रास्ते में उनका मन परिवर्तन हुआ तब वे येसु
के प्रचारक बन गये। और तब से वे महिमान्वित येसु का प्रचार करने लगे।
अपने पत्रों
में संत पौल उन बातों की चर्चा करते हैं जो कुछ येसु के साथ घटी और उन बातों को बताते
हैं जिसे येसु ने लोगों को बताया था। संत पौल यह भी बताते हैं कि येसु ईश्वर के पुत्र
हैं और उन्हीं में हमलोगों ने मुक्ति पायी है।
अगर हम संक्षेप में बताना चाहें
तो हम कह सकते हैं संत पौल ने जिन बातों की शिक्षा दी वह यह है कि प्रभु येसु ख्रीस्त
पिता ईश्वर के पुत्र हैं पुनर्जीवित येसु हैं दुनिया के मुक्तिदाता हैं।
इतना
कहकर संत पापा ने अपना संदेश समाप्त किया। उन्होंने इंगलैंड, मलेशिया, स्वीजेन, जापान,
स्कोटलैंड, ऑस्ट्रेलिया, आयरलैंड और नीदरलैंज के तीर्थयात्रियों पर प्रभु की कृपा और
शांति की कामना की और सबको अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।