धर्मसभा का लक्ष्य लोगों को बाइबिल में ईश्वर को सुनने के लिए मदद करना हैः कार्डिनल
मार्क ओलेट
5 से 26 अक्तूबर तक सम्पन्न होनेवाले 12 वें विश्व धर्माध्यक्षीय धर्मसभा का विवरण रिकार्ड
करनेवाले कार्डिनल मार्क ओलेट ने 6 अक्तूबर को धर्मसभा के दौरान विचार विमर्श किये जानेवाले
प्रमुख मुद्दों को रेखांकित किया। कनाडा में क्वेबेक के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल मार्क
ओलेट ने कहा कि ईश्वर की संतान और प्रभु येसु के भाई बहन रूप में ख्रीस्तीयों को यह जरूर
सुनने के लिए सीखना चाहिए कि ईश्वर धर्मग्रंथ के द्वारा आज उनसे क्या कह रहे हैं। उन्होंने
धर्मसभा के 253 धर्माचार्यों के सामने प्रस्ताव किया कि माता मरियम को अनुकरणीय आदर्श
मानें कि बाइबिल में प्रस्तुत ईशवचन का प्रत्युत्तर ख्रीस्तीय किस प्रकार दें, विशेष
कर ईश वचन जिन्होंने देह धारण किया और प्रभु येसु में मानव बने। उन्होंने कहा कि सुसमाचार
में वर्णित विवरण न केवल मरियम के लिए ईश्वर की योजना को गाब्रिएल दूत प्रकट करते हैं
लेकिन अपने जीवन के लिए ईश्वरीय योजना को स्वीकार करने से पूर्व मरियम की भी प्रतिक्रिया
दिखाते हैं, उनका भय,उनकी चिंता और स्पष्टीकरण माँगना। कार्डिनल ओलेट ने कही कि मरियम
ईश्वर के साथ वार्तालाप में शामिल होती है, ईश्वर स्वयं को उनके लिए प्रकट करते हैं और
इसके प्रत्युत्तर में वह स्वयं को ईश्वर को अर्पित कर देती हैं। उन्होंने कहा कि धर्माध्यक्षों
की धर्मसभा का लक्ष्य लोगों को बाइबिल में ईश्वर को सुनने के लिए मदद करना है।