ईसाइयों पर हिंसा के मामले केन्द्रीय कैबिनेट ने विशेष बैठक बुलायी
उड़ीसा के ईसाइयों पर लगातार हो रहे साम्प्रदायिक हमले पर चिंता व्यक्त करते हुए केन्द्रीय
कैबिनेट ने एक विशेष बैठक बुलायी है जिसमें उड़ीसा की स्थिति को कारगर ढंग से निपटने
की रणनीति तैयार की जायेगी। इस आशय की जानकारी देते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्री
प्रिय रंजन दासमुंशी ने बताया कि प्रधानमंत्री मानते हैं कि उड़ीसा की समस्या गंभीर
है और इसके समाधान के लिये उच्चस्तरीय बैठक करना आवश्यक है। ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री
मनमोहन सिंह ने अमेरिका और फ्रांस की दस दिवसीय यात्रा के बाद कैबिनेट के सदस्यों के
साथ बातें करते हुए इस विशेष बैठक का निर्णय लिया है। प्रधानमंत्री ने इस बात को भी
स्वीकारा है कि देश में ईसाइयों पर हो रहे अत्याचार और हिंसा से भारत की उस छवि पर बुरा
असर पड़ा है।हाल में के वर्षों में भारत आर्थिक रूप से एक प्रगितशील धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र
के रूप में उभरा है। पर इन आक्रमणों से पश्चिम के देशों में भारत की विश्वसनीयता सवाल
चिह्न खड़े कर दिये हैं। प्रधानमंत्री के इस विचार को जिन लोगों ने समर्थन दिया उसमें
आरजेडी के रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, जयपाल रेड्डी, संतोश मोहन देव, ऑस्कार फर्नानडेस
व्यालाल रवि, सिस राम ओला और कुमारी सेल्जा प्रमुख हैं। ज्ञात हो कि हाल में उड़ीसा
के कंधमाल जिलों और कर्नाटक में अनेक स्थानों में हिन्दु अतिवादियों ने ईसाइयों को जान
से मार डाला घरों को जलाया और गिरजाघरों को ध्वस्त कर दिया है। समाचार के अनुसार कैबिनेट
में किसी प्रकार के संवैधानिक प्रावधानों को लागू करने के बारे में कोई चर्चा नहीं हुई।
कैबिनेट नहीं चाहती है कि आने वाले चुनाव में राज्य सरकार को इस मुद्दे से किसी प्रकार
की राजनीतिक सहानुभूति मिले। प्रियदासमुंशी ने कहा कि राज्य सरकार को चाहिये कि वह
राज्य में हो रहे हिंसा पर काबू पाने के लिये जल्द कारवाई करे।