धर्माध्यक्षों की 12वीं महासभा रोम में 5 अक्तूबर से आरम्भ होगी
धर्माध्यक्षों की 12वीं महासभा रोम में 5 अक्तूबर रविवार को संत पौल आउटसाईड द वोल
में यूखरिस्तीय समारोह के साथ ही आरम्भ हो जायेगी। इस धर्माध्यक्षों की महासभा 26 अक्तूबर
तक चलेगी।
इस महासभा की यह विशेषता होगी कि इसमें ऑर्थोंडॉक्स कलीसिया के रब्बी
भी भाग लेंगे। और इस महासभा की दूसरी विशेषता यह है कि इस बार अनेक महिला प्रतिनिधियों
को भी सम्मिलित किया गया है।
बिशप्स सिनोद के सेक्रेटरी जेनरल महाधर्माध्यक्ष
निकोला एटेरोभिक इस बात की जानकारी देते हुए जेनित समाचार को बताया कि इस बार की धर्माध्यक्षों
की महासभा कई अर्थों में अति महत्वपूर्ण होगी।
उन्होंने आगे कहा कि इस बिशप्स
सिनोद को हाफिया के मुख्य रब्बी और यहूदी काथलिक आयोग सह अध्यक्ष शियर याशुभ कोहेन
भी इस सभा को संबोधित करेंगे।
इसके बाद कार्डिनल अलबर्ट वनहोये यहूदी और उनका
धर्मग्रंथ विषय पर लोगों को संबोधित करेंगे जिसका अध्ययन परमधर्मग्रंथिय बाईबल आयोग ने
किया है।इन दोनों संबोधनों को वाटिकन टेलेविज़न के द्वारा लोगों के लिये प्रसारित किया
जायेगा।
रविवार के यूखरिस्तीय समारोह में कोन्सतनतिनोपल के पैट्रियार्क पोप बेनदिक्त
सोलहवें के सह अनुष्ठाता होंगे। उन्हें भी सिनोद को संबोधित करने के लिये आमंत्रित किया
गया है।
धर्माध्यक्षों की सभा में 25 महिलायें अपनी सेवायें प्रदान करेंगी। इसमें
6 महिलायें विभिन्न मुद्दों के बारे में विशेषकरके धर्मग्रंथ के संबंध में अपने विचारों
एवं अनुभवों से सिनोद को अपना योगदान देंगी जब कि 19 महिलायें ऑडिटर के रूप में अपनी
सेवायें देंगी।
इस सिनोद की एक विशेषता यह भी होगी कि इस बार तीन का कोई भी धर्माध्यक्ष
इस सभा में भाग नहीं ले रहा है।
वाटिकन प्रेस कार्यालय के निदेशक जेस्विट फादर
फेदेरिको लॉम्बार्डी ने बताया कि अंतिम समय में कुछ बिंदुओं पर सहमति नहीं बन पाने के
कारण चीन के कोई भी धर्माध्यक्ष इस सभा में सहभागी नहीं हो पायेंगे।