घुमंतू समुदाय के लोगों के लिए शिक्षा के बेहतर अवसर दिये जायें
वाटिकन ने यायावरों और घुमंतू समुदाय के लोगों के साथ बेहतर व्यवहार करने का आग्रह किया
है। जर्मनी के फ्रेइसिंग में यायावरों की मेषपालीय प्रेरिताई पर 1 से 4 सितम्बर तक सम्पन्न
6 वें विश्व सम्मेलन का अंतिम दस्तावेज 2 अक्तूबर को जारी किया गया जिसमें घुमंतू समुदाय
के लिए स्थापित विशेष विद्यालयों को समाप्त करने तथा इन समुदायों और समूहों की महिलाओं
के बलात नसबंदी किये जाने पर रोक लगाने का प्रस्ताव किया गया है। परमधर्मपीठीय समिति
ने जिप्सी यूथ इन द चर्च एंड सोसायटी शीर्षक से सम्मेलन का आयोजन किया था। दस्तावेज में
कहा गया है कि शिक्षा एक प्रमुख तत्व है, व्यक्तिगत क्षमता की परिपूर्णता में शिक्षा
मौलिक प्रक्रिया है तथा यह समाज की मुख्यधारा में शामिल होने के लिए जरूरी है। विशेष
विद्यालयों में जिप्सियों के नामांकन पर पाबंदी लगाना जरूरी है क्योंकि यहाँ उनके मान
सम्मान का क्षरण होता है। समानता की स्थिति पर आधारित शिक्षा उन्हें उपलब्ध करायी जाये
जो सही चिंतन और जिम्मेदारी को प्रोत्साहित करे तथा जो न्याय, समानता और भ्रातृत्व भावना
के सिद्धान्तों पर आधारित समाज की रचना करने के लिए जरूरी है। सम्मेलन ने जिप्सी समुदाय
की महिलाओं की बलात नसबंदी और इनके बीच व्याप्त परिवार की अवधारणा को अस्थिर करने की
प्रवृत्तिवाले अभियानों पर चिंता व्यक्त की थी। दस्तावेज में कहा गया है कि अंतर सांस्कृतिक
वार्तालाप, लोकतांत्रिक प्रणाली में युवाओं की सहभागिता और युवा नीतियों का विकास करने
के साथ ही महिलाओं की शिक्षा को मौलिक अधिकार के अंतर्गत सुनिश्चित किया जाये। मानवतावादी
संगठन और कारितास लघु वित्तीय मदद कार्य़क्रम उन परिवारों और समुदायों को उपलब्ध करायें
जो अपने जातीय समूह के समर्थन में कार्य़ करने की अधिक क्षमता प्रदर्शित करते हैं।