2008-09-27 13:16:34

मानव जीवन का सम्मान करें - संत पापा


कास्तेल गन्दोल्फो स्थित अपने प्रासाद में दक्षिणी अमेरिका के धर्माध्यक्षों को शुक्रवार 25 सितंबर को मुलाकात करते हुए संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने कहा कि वे लोगों को यह गहराई से समझायें कि वे ईश्वर की संतान है और उन्हें चाहिये कि वे मानव जीवन का सम्मान करें।

दक्षिणी अमेरिका के धर्माध्यक्षों ने अपने पंचवर्षीय रोम दौरा के तहत् पोप से मुलाकात की थी।

संत पापा ने धर्माध्यक्षों को प्रोत्साहन देते हुए कहा कि वे लोगों को काथलिक कलीसिया के विश्वास के बारें में बतायें और उनके ख्रीस्तीय जीवन को मजबूत करें।इतना ही नहीं वे यह भी देखें कि लोग काथलिक सिद्धांतों के आधार पर अपना नैतिक जीवन सुदृढ़ कर रहे हैं।

उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि वे पारिवारिक मूल्यों और यौन संबंधी नैतिक मूल्यों की रक्षा के लिये कार्य करें।

संत पापा ने कहा कि उन्हें मालूम है कि धर्माध्यक्ष इस बात का प्रयास करते रहे हैं कि मानव मूल्यों की रक्षा हो।

ज्ञात हो कि उरुग्वे की सरकार ने गर्भ के पहले 12 सप्ताह में गर्भपात कराने को कानूनी मान्यता दे दी है।

संत पापा ने धर्माध्यक्षों से इस बात के लिये भी अर्जी की है कि वे इस बात पर ध्यान दें कि देश में लोग धर्म से दूर न चलें जायें या लोगों में धार्मिकता तटस्थता की भावना न बढ़े।

उरुग्वे में करीब तीन करोड़ पाँच लाख लोग निवास करते हैं। दक्षिण अमेरिकी देशों में इसी देश के लोगों में धार्मिक तटस्थता की दर सबसे ज़्यादा है। करीब 72 फीसदी लोग ईसाई है, पर सिर्फ 47 फीसदी लोग अपने को कैथोलिक समझते हैं। सिर्फ 23 फीसदी लोगों में धार्मिक क्रियाकलापों के प्रति जागरुकता देखी जाती है।

इस अवसर पर बोलते हुए संत पापा ने पुरोहितो से कहा कि उन्हें भी सदा ही प्रोत्साहन देने की आवश्यकता है ताकि वे भी ईश्वर के लिये अपना योगदान दे सकें।

उन्हें चाहिये कि ईसा मसीह के प्रेम में बढ़ें कलीसिया की अच्छी परंपराओं को बरकरार रखें और ईश्वर और लोगों की सेवा करें।
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संत पापा ने इस बात पर बल दिया कि लोगों के बीच एकता और भाईचारा के लिये भी लगातार कार्य किये जाने की आवश्यकता है तब ही काथलिक कलीसिया मजबूत हो सकती है और व्यक्तिवाद पर विजय प्राप्त किया जा सकता है।









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