मुम्बईः मुम्बई तथा बेलगाँव में शांति प्रदर्शन, ख्रीस्तीयों के विरुद्ध हिंसा को तुरन्त
रोकने की मांग
इस बीच, मुम्बई तथा बेलगाँव में शांति प्रदर्शनों का आयोजन किया गया तथा ख्रीस्तीयों
के विरुद्ध हिंसा को तुरन्त रोकने की मांग की गई।
19 सितम्बर को मुबई में बॉम्बे
काथलिक सभा के नेतृत्व में माहिम में ख्रीस्तीयों ने जुलूस निकाला तथा भारतीय सरकार से
मांग की कि देश के विभिन्न भागों में ख्रीस्तीयों के विरुद्ध हिंसा को तुरन्त रोकने
के लिये वे सख्त उपाय करे। काथलिक सभा के अध्यक्ष डॉल्फी डिसूज़ा ने कहा कि अब उनके धैर्य
का बाँध टूट गया है और वे और अधिक हिंसा को सहन नहीं करेंगे। 18 अक्तूबर को शिवाजी पार्क
में जनप्रदर्शन हेतु उन्होंने सभी धर्मों के लोगों को आमंत्रित किया।
सांसद सदस्य
मिल्नद देओरा ने एक वकतव्य में कहा कि धर्म और सम्प्रदाय के आधार पर भारत की सामाजिक
संरचना पर प्रहार करनेवालों की वे कड़ी निन्दा करते हैं। प्रदर्शन के दौरान प्राध्यापक
राम पुन्यानी ने कहा कि यदि देश के अल्पसंख्यक अपने आप को सुरक्षित महसूस नहीं करते हैं
तो यह इस बात का स्पष्ट संकेत है कि भारत में प्रजातंत्रवाद काम नहीं कर रहा है।
धर्माध्यक्ष
बॉस्को पेन्हा ने कहा कि बहुत अधिक समय तक भारत की ख्रीस्तीय जनता अन्याय सहती रही है
किन्तु अब उसकी मांग है कि ख्रीस्तीयों को भी भारत के अन्य नागरिकों के सदृश सम्मान और
प्रतिष्ठा प्रदान की जाये।
उधर बेलगाँव में ख्रीस्तीयों ने 20 सितम्बर को एक
जुलूस निकाल कर कर्नाटक के मुख्य मंत्री बी. एस. येदुर्रप्पा को एक स्मरण पत्र अर्पित
किया जिसमें मांग की गई है कि ख्रीस्तीयों तथा उनके गिरजाघरों को सुरक्षा प्रदान करने
के लिये कर्नाटक सरकार उपयुक्त करदम उठाये तथा अपराधियों को न्यायोचित्त दण्ड प्रदान
करे।