मुम्बई की काथलिक सभा ने शु्क्रवार को उड़ीसा के राज्यपाल को एक खुले पत्र के द्वारा
आग्रह किया है कि वे उड़ीसा में ईसाइयों के विरुद्ध हो रहे अत्याचार के रोकने के लिये
कोई संवैधानिक समाधान ढूँढ़ें। पत्र के अनुसार उन्होंने कहा है कि उड़ीसा में स्थिति
अभी भी सामान्य नहीं हुई है। अभी भी करीब 14 हज़ार लोग विभिन्न राहत् शिविरों में आश्रय
लिये हुए हैं और उन्हें अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। कई लोगों को कई दिनों
से भोजन भी नहीं मिल पाया है। उन्होंने अपने पत्र में इस बात की अनुशंसा की है कि
राज्यपाल संविधान की पाँचवी सूची के आधार पर समस्या के समाधान के लिये कारगर कदम उठायें
जिसके आधार पर राज्यपाल के अनेक अधिकार दिये गये हैं। राज्यपाल इसके आधार पर अनुसूचित
जातियों और अनुसूचित जनजातियों के कल्याण के लिये अनेक अधिकार दिये गये हैं। इस सूची
के आधार पर राज्यपाल को यह भी अधिकार दिया गया है कि वह ऐसे क्षेत्रों में शांति व्यवस्था
का दायित्व संभाले। राज्यपाल को यह भी अधिकार दिया गया है कि वह शांति और व्यवस्था
कायम करने के लिये अनुचित क्षेत्रों के लिये नियम कानून भी बना सकते हैं। मुम्बई की
काथलिक सभा के द्वारा लिखे गये इस पत्र में यह भी कहा गया है कि उड़ीसा में आदिवासियों
और कमजोर वर्ग के लोगों पर धर्म के नाम पर जो अत्याचार हुए हैं उस परिस्थिति में राज्यपाल
की भूमिका अत्यंत मह्त्वपूर्ण हो गयी है।