इटली के सारदेनिया द्वीप में सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें की यात्रा के मुख्य अंश
एवं देवदूत प्रार्थना से पूर्व दिया गया सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें का सन्देश
श्रोताओ, रविवार सात सितम्बर को सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने, इटली के सारदेनिया द्वीप
की यात्रा कर कहा कि इटली को नई पीढ़ी के काथलिक राजनीतिज्ञों की आवश्यकता है जो देश
को भावी युग में ले जाने हेतु अपने धार्मिक विश्वास के प्रति समर्पित रहें। उन्होंने
कहा कि इटली की राजनीति को नई पीढ़ी के समर्पित काथलिक धर्मानुयायियों की नितान्त आवश्यकता
है जो दक्षतापूर्वक नैतिक मूल्यों को बरकरार रखते हुए धारणीय विकास हेतु समाधानों को
खोज सकें।
इटली के युवाओं से भी सन्त पापा ने आग्रह किया कि वे उपभोक्तावादी
समाज का बहिष्कार करें जहाँ धन और सफलता ही अनेक लोगों के नये पूजनीय देवता बन गये हैं।
उनके शब्दों में आज के उपभोक्तावादी समाज के बारे में हम क्या कह सकते हैं जहाँ पैसा
और कामयाबी ऐसे देवता बन गये हैं जिनके आगे अनेक नतमस्तक होते हैं।
सन्त पापा
की सारदेनिया यात्रा मरियम तथा मुक्ति कार्य में मरियम की भूमिका को समर्पित रही। यात्रा
का उद्देश्य कालयारी के निकटवर्ती बोनारिया स्थित मरियम तीर्थ के शतवर्षीय समारोहों का
नेतृत्व करना था। मरियम तीर्थ के प्राँगण में एकत्र लगभग डेढ़ लाख भक्तों के लिये सन्त
पापा ने देवदूत प्रार्थना से पूर्व ख्रीस्तयाग अर्पित किया। इस अवसर पर प्रवचन करते हुए
सन्त पापा ने सम्पूर्ण विश्व की माताओं का विचार करते हुए कहा जो अपने पतियों के साथ
मिलकर, प्रेमपूर्ण परिवार में, अपनी सन्तानों की परवरिश करती हैं और साथ ही वे सब जो
किसी न किसी कारणवश अकेले ही इस बोझ को उठाने के लिये बाध्य हैं मैं उनसब के लिये मरियम
से मध्यस्थता की याचना करता हूँ। ये सभी महिलाएं, अपने परिवार, समाज एवं कलीसिया में
समर्पण एवं निष्ठा के साथ अपने कर्त्तव्यों का निर्वाह करें। पवित्र कुँवारी मरियम इन
सबके लिये समर्थन, सान्तवना एवं आशा का स्रोत सिद्ध हों।
सदियों से, आठ सितम्बर
को मनाये जानेवाले मरियम जन्म के पर्व की पूर्व सन्ध्या सन्त पापा ने देवदूत प्रार्थना
से पूर्व कहाः “अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, ख्रीस्तयाग समारोह के बाद मैं आप सबको
मेरे प्रति प्रकट प्रेमपूर्ण स्वागत के लिये और, विशेष रूप से, इटली के प्रधान मंत्री
सिलवियो बेरलुसकोनी को उनकी उपस्थिति के लिये हार्दिक धन्यवाद देता हूँ। इस भव्य समारोह
के अन्त में हम अपनी दृष्टि सारदी की रमणीय रानी की ओर लगायें जिनकी भक्ति बोनारिया के
इस पर्वत पर की जाती है। शताब्दियों के अन्तराल में, कितने ही लब्ध प्रतिष्ठित लोगों
ने इनके आगे शीश नवाया। मेरे कितने अधिक पूर्वाधिकारियों ने यहाँ आकर श्रद्धा अर्पित
करनी चाही। धन्य सन्त पापा पियुस नवम् ने इनके मुकुटाभिषेक का आदेश जारी किया; लगभग 100
वर्षों पूर्व सन्त पापा पियुस 10 वें ने इन्हें सम्पूर्ण सारदेनिया की संरक्षिका घोषित
किया; सन्त पापा पियुस 11 वें ने यहां के गिरजाघर को लघु महामन्दिर का दर्जा प्रदान किया;
50 वर्ष पूर्व सन्त पापा पियुस 12 वें वाटिकन रेडियो द्वारा प्रसारित एक विशिष्ट सन्देश
प्रेषित कर खुद आध्यात्मिक रूप से यहाँ उपस्थित हुए और सन् 1960 में, धन्य सन्त पापा
जॉन 23 वें ने मरियम तीर्थ के जीर्णोंद्धार के बाद एक पत्र लिखकर लोक भक्ति हेतु इसके
खोले जाने का आदेश दिया। 1650 साल बाद इस द्वीप में आनेवाले प्रथम सन्त पापा थे प्रभु
सेवक सन्त पापा पौल षष्टम् जिन्होंने 24 अप्रैल सन् 1970 को इस तीर्थ की भेंट की और 20
अक्तूबर सन् 1985 को हमारे प्रिय स्व. सन्त पापा जॉन पौल द्वितीय भी प्रार्थना में लीन
हुए। सन्त पापाओं के पद चिन्हों पर चलते हुए मैंने भी बोनारिया पहाड़ी पर स्थित इस मरियम
तीर्थ की भेंट करनी चाही ताकि आदर्शतः सम्पूर्ण सारदेनिया का आलिंगन कर सकूँ।"
फिर
सारदेनिया को मरियम के संरक्षण के सिपुर्द कर सन्त पापा ने आगे कहाः......"आज हमने सारदेनिया
के कालीयारी शहर तथा इसके प्रत्येक निवासी को मरियम के सिपुर्द किया। पवित्र कुँवारी
मरियम सब की तथा प्रत्येक की रखवाली करें ताकि नवीन पीढ़ियों तक सुसमाचारी मूल्यों की
विरासत का प्रसारण किया जा सके तथा प्रभु ख्रीस्त परिवार, समुदाय एवं समाज के सभी क्षेत्रों
में प्रभु ख्रीस्त राज्य करें। विशेष रूप से, मरियम, बच्चों और युवाओं, वृद्धों एवं परिवारों,
बीमारों एवं प्रताड़ित लोगों की रक्षा करें जिन्हें इस समय उनकी मदद की सख्त आवश्यकता
है।
हममें से प्रत्येक के जीवन में मरियम की महत्वपूर्ण भूमिका के प्रति सचेत
रहते हुए हम उनकी भक्ति करते तथा उनकी सन्तान होने के नाते उनके जन्म का पर्व मनाते हैं।
मरियम का जन्म नाज़रेथ के परिवार अर्थात हमारी मुक्ति के पालने की एक आधारभूत घटना है।
एक ऐसी घटना जिससे हम सब संलग्न हैं क्योंकि जो भी वरदान ईश्वर ने उन्हें यानि माँ को
दिया वह हममें से प्रत्येक को यानि उनकी सन्तानों को ध्यान में रखकर दिया। अस्तु, कृत्तज्ञतापूर्वक,
देहधारी शब्द की माँ, हमारी माँ, मरियम से हम याचना करें कि वे इस धरती की प्रत्येक माँ
की रक्षा करें- जो अपने पतियों के साथ मिलकर प्रेमपूर्ण परिवार में अपनी सन्तानों की
परवरिश करती और वे माताएं जो किसी न किसी कारणवश अकेले ही इस कठिन कार्य को सम्पादित
करने के लिये बाध्य हैं। मेरी मंगलकामना है कि ये सभी अपने परिवार, समाज एवं कलीसिया
में समर्पण एवं निष्ठा के साथ अपने कर्त्तव्यों का निर्वाह कर सकें। पवित्र कुँवारी मरियम
इन सबके लिये समर्थन, सान्तवना एवं आशा का स्रोत सिद्ध बनें।"
अन्त में सन्त
पापा ने हेयटी में हाल के तूफानों से पीड़ित लोगों की याद करते हुए कहाः.................."
मरियम पर दृष्टि लगाते हुए मैं हेयटी के लोगों का स्मरण करना चाहता हूँ जिन्होंने विगत
दिनों तीन वृहत तूफानों का कोप सहा। तूफान में मारे गये सभी लोगों के लिये मैं प्रार्थना
करता हूँ जिनकी संख्या, दुर्भाग्यवश, बहुत अधिक है। इसी प्रकार तूफान के कारण बेघर और
विस्थापित हुए लोगों के लिये भी मैं प्रार्थना करता हूँ। मैं सम्पूर्ण हेयटी देश के निकट
हूँ और आशा करता हूँ कि इसे शीघ्रातिशीघ्र आवश्यक मदद पहुँचाई जा सके। सभी को मैं बोनारिया
की महारानी मरियम के ममतामयी संरक्षण के सिपुर्द करता हूँ।"
हेयटी के लोगों के लिये इस अपील के बाद सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने उपस्थित तीर्थयात्रियों
के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया तथा सब पर प्रभु की शांति का आह्वान कर सबको अपना
प्रेरितिक आर्शीवाद प्रदान किया ------------------------------------------------------------