2008-09-04 15:30:49

जाति-प्रथा व्यवस्था का विरोध ही भारत में ख्रीस्तीयों के विरुद्ध हमले की जड़ है


वाटिकन रेडियो को दिये एक साक्षात्कार में राँची के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल तेलेस्फोर टोप्पो ने कहा कि जाति प्रथा व्यवस्था का विरोध ही भारत में ख्रीस्तीयों के विरुद्ध हमले की जड़ है। उन्होंने कहा कि काथलिक कलीसिया द्वारा मानव की पवित्रता की रक्षा और जाति प्रथा का विरोध भारत में अल्पसंख्यक ख्रीस्तीयों के विरुद्ध हिंसा को बढ़ावा दे रही है। जाति-प्रथा व्यवस्था में समानता का अस्तित्व नहीं है। व्यक्ति पवित्र है इसलिए जाति प्रथा पर विजय प्राप्त करने के कलीसिया के समर्पण को नहीं स्वीकार किया जाता है। भारत को समझना आसान नहीं है यह कहते हुए उन्होंने स्वीकार किया कि सब हिन्दू चरमपंथी नहीं हैं। कार्डिनल टोप्पो ने कहा कि हिंसा की घटनाओं और ख्रीस्तीयों की सम्पत्ति को जलाने के मूल में सामाजिक, आर्थिक राजनीतिक कारणों सहित धर्मांतरण विरोधी कानून भी अन्य कारक है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि लोगों का धर्मांतरण ताकत के बल पर नहीं किया जाता है। सबलोगों के बीच समानता ही मूलतत्ववादियों के लिए ख़तरा है।








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