फूलबनीः कंधामाल पुलिस के अनुसार स्वामी की हत्या माओवादियों का काम
विश्व हिन्दु परिषद के नेता स्वामी लक्ष्मणानंद की हत्या की जाँच कर रही कंधामाल ज़िले
की पुलिस एवं अपराधिक शाखा ने माओवादियों की ओर उँगली उठाई है।
23 अगस्त को
स्वामी एवं उनके चार सहयोगियों पर कुछ बन्दूकधारियों ने गोलियाँ चला दी थीं। स्वामी की
हत्या के बाद ही हिन्दु चरमपंथियों ने ख्रीस्तीयों पर हत्या का आरोप लगाकर कंधामाल तथा
आस पास के क्षेत्रों में ख्रीस्तीयों के विरुद्ध हिंसा आरम्भ कर दी थी जिसमें जान माल
की अपार क्षति हुई।
बुधवार को हिन्दुस्तान टाईम्ज़ ने प्रकाशित किया कि स्वामी
की हत्या की जाँच कर रही कंधामाल ज़िले की पुलिस एवं अपराधिक शाखा ने माओवादियों की ओर
उँगली उठाई है क्योंकि हत्यारों ने ए.के. 47 बन्दूकों का इस्तेमाल किया। जाँच करनेवाली
शाखा के अनुसार इस प्रकार के विनाशक हथियार स्थानीय जनता के पास नहीं रहते हैं।
पुलिस
ने हिन्दुस्तान टाईम्ज़ से कहा कि माओवादी, आर.एस.एस. तथा विहिप संगठनों को हिन्दु फासीवादियों
एवं पूँजीपतियों की कुरचना मानते आये हैं तथा उन्हें निशाना बनाते रहे हैं। इसीलिये जब
मालकनगिरी में वरिष्ठ हिन्दु वकील प्रबीर दास की हत्या हुई थी माओवादियों ने यही कहा
था कि दास की हत्या आर.एस.एस. के साथ उनके सम्बन्ध के लिये की गई है।
पुलिस
का यह भी कहना है कि कंधामाल में स्वामी जी के प्रभाव के कारण माओवादी सेना के लिये आदिवासी
युवाओं को जुटा पाना कठिन हो रहा था इसीलिये माओवादियों ने स्वामी की हत्या का षड़यंत्र
रचा।