नई दिल्लीः उड़ीसा में जारी हिंसा के मद्देनज़र महाधर्माध्यक्ष ने कानून का दरवाज़ा खटखटाया
इस बीच, उड़ीसा के कंधामाल ज़िले में नित्य जारी हिंसा के मद्देनज़र कटक भूबनेश्वर के
काथलिक महाधर्माध्यक्ष राफायल चीनत ने कानून का दरवाज़ा खटखटाया। भारत के उच्चत्तम न्यायालय
में एक याचिका दायर कर महाधर्माध्यक्ष ने उड़ीसा में ख्रीस्तीयों के विरुद्ध हाल की हिंसा
की जाँचपड़ताल केन्द्रीय जाँच ब्यूरो द्वारा कराये जाने की माँग की है।
महाधर्माध्यक्ष
चीनत ने यह मांग भी की है कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग इस बात की निष्पक्ष जाँच करे
कि कंधामाल की हिंसा के पीछे कौनसा संगठन था। ह्यूमन राईट्स लॉ नेटवर्क के वरिष्ठ वकील
कॉलिन गोनसाल्वेज़ ने सूचित किया कि महाधर्माध्यक्ष की याचिका न्यायमूर्ति के.जी. बालाकृष्णन्
की अध्यक्षतावाली पीठ के समक्ष दायर कर दी गई है जिन्होंने इसे स्वीकार कर लिया है।
याचिका
में कहा गया कि रैपिड एक्शन फोर्स के सुरक्षा कर्मी केवल नगरों में भेजे गये हैं जबकि
गाँवों में हिंसा अधिक है। याचिका में हिंसा के शिकार उन सभी लोगों को चार लाख रुपये
मुआवज़ा दिये जाने की अपील की गई जिनकी सम्पत्तियों एवं जिनके मकानों को ध्वस्त कर दिया
गया है।