दो दिनों की शांति के बाद सोमवार को उड़ीसा के कंधमाल ज़िले में फिर हिंसा
उड़ीसा के कंधमाल ज़िले में दो दिनों की शांति के बाद सोमवार को फिर से हिंसा भड़क उठी।
प्राप्त समाचारों के अनुसार ज़िले के टीकाबाली, फिरिंगिया और उदयगिरी इलाक़ों में 40
से अधिक मकान जला दिए गए तथा ख्रीस्तीयों के कई आराधना स्थलों पर पत्थर फेंके गये। चार
गिरजाघरों को जला दिये जाने की भी खबर मिली है। पुलिस महानिदेशक आरपी सिंह ने पत्रकारों
को बताया कि प्रभावित इलाक़ों में अतिरिक्त पुलिस बलों को प्रेषित कर दिया गया है। उन्होंने
कहा कि पुलिस विगत दिनों मारे गये लोगों के शवों की खोज कर रही है। सोमवार को रायकिया
से दो तथा टीकाबली से एक और शव बरामद किया गया। आधिकारिक आँकड़ों के अनुसार, 23
अगस्त को हिन्दु नेता स्वामी सरस्वती जी की हत्या के बाद, ख्रीस्तीयों के विरुद्ध भड़की
हिंसा में अब तक 18 लोग मारे जा चुके हैं यद्यपि मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि मरने
वालों की संख्या 50 से अधिक हो सकती है। सोमवार को प्रधानमंत्री मन मोहन सिंह से
टेलिफोन वार्ता के बाद मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने विगत दिनों की हिंसा पर अधिकारियों
की बैठक बुलाई। प्रधानमंत्री के कार्यालय ने सोमवार को ही एक विज्ञप्ति जारी कर उड़ीसा
में हिंसा की समाप्ति का आव्हान किया तथा ख्रीस्तीयों की क्षतिपूर्ति का राज्य सरकार
को आदेश दिया। इसके बाद मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव अजित त्रिपाठी ने पत्रकारों को
बताया कि कंधमाल में 558 घरों और 17 गिरिजाघरों को क्षति पहुँचाई गई। उन्होंने बताया
कि इस हिंसा में जिन लोगों के घर नष्ट हो गए हैं, उन्हें 50 हज़ार रुपए और जिनके घर आंशिक
रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं, उन्हें 20 हज़ार रुपए की सहायता राशि दी जाएगी। इस बीच,
ख्रीस्तीयों के विरुद्ध हिन्दु चरमपंथियों की हिंसा भारत के अन्य राज्यों में भी विस्तृत
हो रही है। मध्यप्रदेश में बजरंग दल के लोगों ने ख्रीस्तीय मिशनरियों के पुतले जलाये
तथा ख्रीस्तीय शिक्षण संस्थानों पर पत्थर फेंके। रविवार को कर्नाटक स्थित चित्रदुर्ग
में प्रॉटेस्टेन्ट पादरी एन.कुमार की पिटाई की गई। हिन्दु चरमपंथी चर्च ऑफ शैरान के गिरजाघर
में घुस आये तथा बलपूर्वक उन्होंने वहाँ उपस्थित श्रद्धालुओं के माथों पर कुमकुम लगाया।
घटनास्थल पर उपस्थित पुलिस ने हस्तक्षेप नहीं किया।