नई दिल्लीः उड़ीसा में ख्रीस्तीयों के विरुद्ध हिंसा के विरोध में 29 अगस्त को भारत के
सभी काथलिक स्कूल बन्द
भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन ने मंगलवार को घोषिक किया कि उड़ीसा में ख्रीस्तीयों
के विरुद्ध जारी हिंसा के विरोध में 29 अगस्त को भारत के सभी काथलिक स्कूल बन्द रहेंगे।
नई दिल्ली में एक प्रेस सम्मेलन में देहली के काथलिक महाधर्माध्यक्ष विन्सेन्ट
कॉनचेसाओ ने पत्रकारों को बताया कि 29 अगस्त को स्कूलों के बन्द रखे जाने के साथ साथ
सात सितम्बर को उड़ीसा के ख्रीस्तीयों के लिये प्रार्थना और उपवास का दिन तय किया गया
है।
एरनाकुलम अंगमाली के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल वारकी विथयातिल ने सभी काथलिक
संगठनों का आव्हान किया है ख्रीस्तीयों के विरुद्ध हिंसा का विरोध करने के लिये कि वे
देशव्यापी स्तर पर शांतिपूर्ण प्रदर्शनों का आयोजन करें तथा हिंसा के विरुद्ध अपनी आवाज़
सम्पूर्ण विश्व तक पहुँचायें।
प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार उड़ीसा में ख्रीस्तीयों
के विरुद्ध हिंसक घटनाएँ जारी हैं, अब तक आठ व्यक्तियों के मरने की पुष्टि भी हुई है।
हथियारबन्द दल अभी भी गिरजाघरों, ख्रीस्तीय संस्थाओं, अस्पतालों एवं आवासों को आग के
हवाले कर रहे हैं तथा धर्मबहनों एवं पुरोहितों के साथ दुर्व्यवहार कर रहे हैं।
दिव्य
शब्द धर्मसमाज के फादर सेबास्तियान मट्टापालिल ने बताया कि बड़गर में सेवारत फादर एडवर्ड
सिक्वेरा को बुरी तरह पीटा गया तथा उनके निवास को आग के हवाले कर दिया गया। इसी प्रकार
मधुपुर मिशन केन्द्र में भी तोड़ फोड़ मचाई गई। उन्होंने बताया कि पुरोहितों एवं धर्मबहनों
को उनके आश्रमों से भागने के लिये बाध्य किया गया तथा आश्रमों को भस्म कर दिया गया। जयपुर
रोड से दो पुरोहितों, फादर सिमोन लाकरा तथा फादर ज़ेवियर तिरकी को पकड़ लिया गया तथा
वस्त्रहीन कर बुरी तरह उनकी पिटाई की गई। दुबुरी के मिशन केन्द्र पर भी हमला हुआ।
बताया
जाता है कि कांधामाल एवं बरगड़ के अतिरिक्त हिन्दु चरमपंथियों ने पदमपुर, सम्बलपुर, डाँगसोरोड़,
नारायणीपत्रा, मुनीगुडा, तुमीबन्ध, तान्ग्रापाड़ा, फूलबनी, बालीगुड़ा, कलिंगा, चाकापाड़,
श्रसनरन्दा आदि काथलिक मिशन केन्द्रों पर भी हमले किये तथा इनके आस पड़ोस के गाँवों में
भी हिंसा मचाई।