उड़ीसाः हिंसा के शिकार ख्रीस्तीयों के प्रति वाटिकन की एकात्मता, हिन्दु चरमपंथियों
द्वारा धर्म का दुरुपयोग कहना परमधर्मपीठीय राजदूत का
उड़ीसा के विभिन्न ज़िलों में विगत तीन दिनों से ख्रीस्तीयों के विरुद्ध जारी हिन्दु
चरमपंथी दलों की हिंसा पर वाटिकन ने गहन शोक व्यक्त करते हुए भारत के ख्रीस्तीय गिरजाघरों
एवं धर्मसमाजों के प्रति एकात्मता का प्रदर्शन किया है। मंगलवार अपराह्न जारी वाटिकन
की एक विज्ञप्ति में कहा गया कि इस प्रकार की घटनाएँ मानव प्रतिष्ठा एवं लोगों की धार्मिक
स्वतंत्रता पर प्रहार करती हैं तथा नागरिकों के बीच शांतिपूर्ण सहअस्तित्व को ख़तरे में
डालती हैं। हिंसा की शीघ्रातिशीघ्र समाप्ति तथा वार्ता एवं आपसी सम्मान के निर्माण का
भी वाटिकन ने आव्हान किया।
इस बीच, मंगलवार को वाटिकन रेडियो के साथ बातचीत में,
भारत में कार्यरत परमधर्मपीठीय राजदूत महाधर्माध्यक्ष लोपेज़ क्विनताना ने हिन्दु चरमपंथी
दलों पर धर्म के दुरुपयोग का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया कि जानबूझकर ख्रीस्तीयों
की ग़लत छवि लोगों के समक्ष प्रस्तुत की जा रही है, धर्म के नाम पर लोगों की भावनाओं
से खिलवाड़ किया जा रहा है तथा ख्रीस्तीयों के विरुद्ध हिंसा को भड़काया जा रहा है।
महाधर्माध्यक्ष क्विनताना ने कहा कि भारत के आम लोग अन्यों के साथ वार्ताओं एवं
सहअस्तित्व के लिये उत्सुक हैं किन्तु चरमपंथी राष्ट्रीयवादी दल उन्हें भी हतोत्साहित
कर देते हैं। उन्होंने कहा कि भारत के ख्रीस्तीय मानव उत्थान के कार्यों के प्रति वचनबद्ध
हैं तथा कठिनाईयों के बावजूद वे लोगों के कल्याण के लिये कार्य करते रहेंगे। उन्होंने
कहा कि चरमपंथियों के आतंक के बावजूद कलीसिया, लोगों के बीच, विशेष रूप से, दुर्बलों
के बीच, ईश प्रेम को प्रकाशित करने के अपने मिशन को जारी रखेगी।