2008-08-27 13:04:00

उड़ीसा में ख्रीस्तीयों के विरुद्ध हिंसा के लिये सरकार कम ज़िम्मेदार नहीं, कहना कार्डिनल ग्रेशियस का


भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष, मुम्बई के कार्डिनल ऑसवल्ड ग्रेशियस ने कहा है कि वे गहन दुःख के साथ उड़ीसा में विगत दिनों से ख्रीस्तीयों के विरुद्ध हो रही हिंसक घटनाओं से परिचित हो रहे हैं।

कार्डिनल महोदय के अनुसार स्वामी लक्ष्मणानन्द सरस्वती जी की हत्या के बाद भड़की हिंसा के लिये सरकार कम ज़िम्मेदार नहीं। उन्होंने कहा कि यह कैसे हो सकता है कि सरकार ने स्थिति की गम्भीरता को नहीं पहचाना तथा हिंसा को रोकने के लिये उपयुक्त निवारक उपाय नहीं लिये? उन्होंने कहा कि अन्तरराष्ट्रीय समुदाय में यह भारत के लिये लज्जाजनक सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि इससे भारत की छवि बिगड़ेगी तथा अन्तरराष्ट्रीय समुदाय भारत को उस देश के सदृश मानेगा जहाँ सरकार निष्क्रिय तथा पुलिस निष्प्रभावी रहती है।

कार्डिनल महोदय ने कहा कि स्वामी सरस्वती जी की हत्या का उन्हें शोक है किन्तु इसके लिये बिना प्रमाण प्राप्त किये ख्रीस्तीयों को दोषी ठहराना सरासर अन्यायपूर्ण है।

कार्डिनल ग्रेशियस ने कहा कि स्वामी जी की हत्या के तुरन्त बाद काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन ने हत्या की कड़ी निन्दा की थी क्योंकि कलीसिया का हिंसा के साथ कोई तालमेल नहीं। उन्होंने कहा कि ख्रीस्तीयों के विरुद्ध ढाई जा रही हिंसा दिवालियापन है जिसे तुरन्त समाप्त किया जाना आवश्यक है।

भूबनेश्वर तथा कन्धामाल में एक धर्मबहन के साथ बलात्कार तथा युवती रजनी की हत्या को कार्डिनल महोदय ने बर्बर एवं दुष्ट कृत्य निरूपित किया। उन्होंने कहा कि हमारी धर्मबहनों ने जिन लोगों के उत्थान के लिये अपना सर्वस्व अर्पित कर दिया वे ही अब उनपर हिंसक प्रहार कर रहे हैं।











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