भूबनेश्वरः दो दिन की हिंसा के बाद उड़ीसा में ख्रीस्तीयों की स्थिति पर एशिया समाचार
से महाधर्माध्यक्ष चीनत की बातचीत
इस बीच, उड़ीसा में विगत दो दिनों से हिन्दु चरमपंथियों द्वारा ख्रीस्तीयों के विरुद्ध
आक्रमणों को कटक भूबनेश्वर के काथलिक धर्माधिपति महाधर्माध्यक्ष राफायल चीनत ने घोर चिन्ता
व्यक्त की है तथा इसे देश के लिये ख़तरनाक बताया है। ख्रीस्तीयों के विरुद्ध हिंसा
को उन्होंने हिन्दु चरमपंथी दल राष्ट्रीय स्वयं सेवक तथा विश्व हिदु परिषद की राष्ट्रीयवादी
विचारधारा का परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि इन दलों की राष्ट्रीयवादी विचारधारा कैंसर
रोग की तरह है जो भारत में अन्तर सामुदायिक सहअस्तित्व को ख़तरे में ड़ाल रही है। महाधर्माध्यक्ष
ने बताया कि विगत दो दिनों में चरमपंथी हिन्दु दलों के दंगाईयों ने अनेक पल्लियों, गिरजाघरों,
धर्मबहनों द्वारा संचालित आश्रमों तथा कलीसिया द्वारा संचालित समाज कल्याण एवं प्रेरितिक
केन्द्रों पर हमले किये। भूबनेश्वर स्थित प्रेरितिक केन्द्र पर भी आक्रमण किया गया जिसके
निर्देशक फादर थॉमस जंगलों में छिपे हैं। उन्होंने कहा कि जंगलों से उन्होंने अपने प्रेरितिक
केन्द्र को जलते देखा जिसका निर्माण डेढ़ करोड़ रुपयों की लागत पर किया गया था। इसके
अतिरिक्त, महाधर्माध्यक्ष ने बताया कि हिंसा की खबरें अभी भी आ रही हैं। सुन्दरगढ़ में
एक आराधनालय को जला दिया गया तथा उदयगिरी में धर्मबहनों के एक वाहन को आग के हवाले कर
दिया गया। रायका में हुए हमलों में तीन और व्यक्तियों की हत्या की गई। महाधर्माध्यक्ष
ने कहा कि वे हर प्रकार की हिंसा एवं आतंकवाद का बहिष्कार करते हैं तथा कानून को अपने
हाथ नहीं लेना चाहते हैं इसीलिये स्वामी लक्ष्मणानन्द पर आक्रमण का समाचार पाते ही उन्होंने
एक सार्वजनिक वकतव्य में हत्या की निन्दा की थी। महाधर्माध्यक्ष चीनत ने तनावों से भरे
इस समय में सबसे शांति की अपील की है। महाधर्माध्यक्ष चीनत ने कहा कि उड़ीसा का ख्रीस्तीय
समुदाय स्वतः को परित्यक्त महसूस कर रहा है। उन्होंने बताया कि यद्यपि अधिकारियों ने
इधर उधर पुलिस प्रेषित किये हैं तथापि क्रुद्ध दंगाईयों का सामना करने में वे असमर्थ
प्रतीत हो रहे हैं। महाधर्माध्यक्ष के अनुसार उड़ीसा के ख्रीस्तीय क्रूस के कारण
अत्याचार के शिकार बन रहे हैं। राज्य की 94 वे प्रतिशत जनता हिन्दु धर्मानुयायी है तथा
केवल 2.4 प्रतिशत ख्रीस्तीय हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोग क्रूस को समाप्त करना चाहते
हैं किन्तु क्रूस की जड़ें इतनी मज़बूत हैं कि राष्ट्रीयवादी कभी सफल नहीं होंगे। उड़ीसा
की कलीसिया आनेवाली अनेक पीढ़ियों के लिये "प्रकाश" सिद्ध होगी।