उड़ीसा के बड़गर जि़ले में ख्रीस्तीय आश्रम आग के हवाले, एक महिला का मृत्यु तथा अनेक
ज़िलों में ख्रीस्तीयों गिरजाघरों एवं आवासों पर आक्रमण
उड़ीसा के बरगर ज़िले के खूँटापाली गाँव में हिन्दु चरमपंथियों नें ख्रीस्तीयों के एक
अनाथाश्रम को आग के हवाले कर दिया जिसमें वहाँ कार्यरत एक महिला रजनी मांझी की मृत्यु
हो गई तथा एक काथलिक पुरोहित गम्भीर रूप से घायल हो गये। रायटर समाचार के अनुसार
चरमपंथियों ने पुरोहित को बुरी तरह पीटा, बच्चों को आश्रम से भगा दिया तथा बच्चों की
देखरेख करनेवाली महिला रजनी माँझी को बाहर आने का मौका नहीं दिया। बताया जाता है कि आक्रमणकारियों
ने पहले वहाँ तैनात चार सुरक्षाकर्मियों की जमकर पिटाई की और फिर आश्रम को आग के हवाले
कर दिया। उन्होंने जब बच्चों को आग में फेंकने की कोशिश की, तो रजनी ने इसका विरोध किया
जिससे नाराज़ होकर आक्रमणकारियों ने रजनी को ही आग में फेंक दिया. अनाथाश्रम का संचालन
करनेवाले काथलिक पुरोहित को भी बुरी तरह पीटा गया जो अब पदमपुर के अस्पताल में भर्ती
हैं। भारतीय धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के प्रवक्ता फादर जोसफ बाबू ने परमधर्मपीठीय मिशनरी
प्रेस संस्था मिसना को बताया कि सोमवार को उड़ीसा के कई ज़िलों में ख्रीस्तीय गिरजाघरों
एवं संस्थाओं पर हमले हुए। एक धर्मबहन एवं दो काथलिक पुरोहितों पर भी आक्रमण किया गया।
कई ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों के मकान आग के हवाले कर दिये गये। विहिप नेता स्वामी
लक्ष्मणानंद की हत्या के विरोध में हिन्दु चरमपंथी हिंसक कार्रवाई कर रहे हैं। सोमवार
को विरोध प्रदर्शन के लिये सम्पूर्ण राज्य में बन्द का आव्हान किया गया था। शनिवार सन्ध्या,
कंधामाल ज़िले में, स्वामी सरस्वती लक्ष्मणानंद के आश्रम पर लगभग 30 से 40 अज्ञात बंदूकधारियों
ने हमला कर दिया था जिसमें सरस्वती सहित पांच अन्यों की हत्या हो गई थी। पुलिस का कहना
है कि ये अज्ञात हमलावर माओवादी नक्सली थे जबकि हिन्दु दलों का कहना है कि बन्दूकधारी
ख्रीस्तीय थे। कटक भूबनेश्वर के काथलिक धर्माधिपति महाधर्माध्यक्ष राफायल चीनत ने
हिन्दु दलों के आरोप का खण्डन किया है। स्वामी लक्ष्मणानन्द एवं उनके सहयोगियों की हत्या
की भी उन्होंने कड़ी निन्दा की है। राज्य एवं केन्द्रीय सरकार का उन्होंने आव्हान किया
कि वे शीघ्रातिशीघ्र उड़ीसा में कानून एवं व्यवस्था को कायम करने के लिये ठोस कदम उठायें।